Wheat Stock Limit: सरकार ने गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगाई, अब इतना अनाज रख सकेंगे व्यापारी

Wheat Stock Limit: सरकार ने गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगाई, अब इतना अनाज रख सकेंगे व्यापारी

Wheat Stock Limit: केंद्र सरकार ने गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए स्टॉक लिमिट लागू की है. अब थोक व्यापारी 3,000 टन तक गेहूं का भंडारण कर सकते हैं, जबकि खुदरा विक्रेता 10 टन तक गेहूं रख सकते हैं. यह फैसला गेहूं के बंपर उत्पादन और अच्छी खरीद के बाद लिया गया है.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 29, 2025,
  • Updated May 29, 2025, 11:57 AM IST

गेहूं की बढ़ती महंगाई के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. यह फैसला गेहू्ं की स्टॉक लिमिट को लेकर है. ग्राहकों को सस्ते में गेहूं मिल सके और जमाखोरी, बेईमानी से सट्टेबाजी को रोकने के लिए, भारत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों/थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी चेन वाले खुदरा विक्रेताओं और फूड प्रोसेसर्स पर गेहूं पर स्टॉक सीमाएं लगाई हैं. यह लिमिट सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 मार्च 2026 तक लागू है.

सभी गेहूं स्टॉक करने वाली संस्थाओं को प्रत्येक शुक्रवार को गेहूं स्टॉक पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wsp/login, जिसे समय के साथ https://foodstock.dfpd.gov.in पर शिफ्ट कर दिया जाएगा) पर स्टॉक की स्थिति घोषित/अपडेट करना जरूरी है. कोई भी संस्था जो पोर्टल पर रजिस्टर्ड नहीं पाई गई या स्टॉक सीमा का उल्लंघन करती पाई गई, उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

इतना अनाज रख सकेंगे व्‍यापारी

केंद्र सरकार ने गेहूं की कीमतों को कंट्रोल में रखने के लिए फरवरी में इसके भंडारण की लिमिट में बदलाव किए थे, जिसके बाद बुधवार 28 मई को नया बदलाव किया है. नोटिफिकेशन के मुताबि‍क, अब थोक व्यापारी 3,000 मीट्रिक टन तक गेहूं का भंडारण कर सकते है और खुदरा व्यापारि‍यों को 10 टन तक अनाज रखने की अनुमत‍ि है. 

15 दिन में लिमिट से मैच करना होगा स्‍टॉक

यदि व्यापारियों या संस्थाओं के पास स्टॉक लिमिट से अधिक गेहूं है, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 15 दिनों के भीतर इसे निर्धारित स्टॉक सीमा तक लाना होगा. केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी इन स्टॉक सीमाओं की बारीकी से निगरानी करेंगे ताकि यह तय किया जा सके कि देश में गेहूं की कोई कमी न हो.

केंद्र सरकार ने राज्य एजेंसियों/एफसीआई के माध्यम से 298.17 एलएमटी गेहूं (27.05.2025 तक) खरीदा है जो पीडीएस, ओडब्ल्यूएस और अन्य बाजार हस्तक्षेप योजनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग देश में कीमतों को नियंत्रित करने और आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं की स्टॉक स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है.

फरवरी में कम की गई थी लिमिट

फरवरी में केंद्र ने थोक व्‍यापारियों को अध‍िकतम 260 टन तक गेहूं भंडारण करने की अनुमति दी थी और खुदरा व्‍यापारी 4 टन तक गेहूं रख सकते थे. वहीं, प्रोसेसर्स की लिमिट में सरकार ने उस समय भी कोई बदलाव नहीं किया था. यह लिमिट 31 मार्च 2025 तक के लिए लागू की गई थीं, लेकिन तब इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया था. बुधवार को सरकार ने इसमें बदलाव किया है. 

स्‍टॉक की निगरानी करता है विभाग

बता दें कि गेहूं की कीमतें बढ़ने और कालाबाजारी से रोकने के लिए खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग गेहूं के स्टॉक की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखता है, ताकि देश में गेहूं सुगम रूप से उपलब्धता हो. नियमित स्टॉक की जानकारी से सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि गेहूं की कोई कमी न हो और किसी भी तरह की कालाबाजारी न हो.

गेहूं उत्‍पादन के अनुमान में संशोधन

वहीं, सरकार ने बुधवार को फसल वर्ष 2024-25 के लिए अपने खाद्यान्न उत्पादन अनुमान को संशोधित कर रिकॉर्ड 353.95 मिलियन टन कर दिया, जिसमें अकेले गेहूं का उत्पादन 117.50 मिलियन टन रहने का अनुमान है. देश में प्रमुख फसलों की बंपर पैदावार हुई है.

संशोधित अनुमानों में गेहूं, चावल, मक्का और कई तिलहनों के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई गई है. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश ने धान, गेहूं, मक्का, मूंगफली और सोयाबीन सहित प्रमुख फसलों के उत्पादन में "रिकॉर्ड वृद्धि" हासिल की है.

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