इलायची एक ऐसा मसाला है जिसका इस्तेमाल विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है. इस मसाले का उपयोग मुख्य रूप से भोजन, मिठाइयां और पेय पदार्थ आदि बनाने और मिठाइयों में अच्छी सुगंध देने के लिए किया जाता है. इसके साथ ही इसमें कई औषधीय गुण भी होते हैं. इसी वजह से न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में इसकी काफी मांग है. साथ ही इसे ऊंचे दाम पर बेचा भी जाता है. बाजार में इलायची 1100 से 2000 रुपये प्रति किलो मिलती है. ऐसे में इसकी खेती करना किसानों के लिए फायदेमंद हो सकता है. भारत में इलायची की खेती बड़े पैमाने पर होती है. वहीं मुख्य रूप से इलायची की खेती केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु आदि राज्यों में होती है. तो आइये जानते हैं इसकी खेती कैसे की जा सकती है-
इलायची की खेती के लिए दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है. इसकी खेती लेटराइट मिट्टी और काली मिट्टी में भी की जा सकती है. इलायची के खेतों में जल निकास की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए. इलायची को रेतीली मिट्टी पर नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि इससे नुकसान हो सकता है. इसके अलावा, इलायची की खेती के लिए 10 से 35 डिग्री तापमान अच्छा माना जाता है.
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इलायची की खेती शुरू करने के लिए मॉनसून सबसे अच्छा समय है. यदि आप इसकी खेती करना चाहते हैं तो आप जुलाई के महीने में खेत में इलायची की पौध लगा सकते हैं. चूंकि इस समय बारिश होती है इसलिए सिंचाई की आवश्यकता कम पड़ती है. इसके पौधों को हमेशा छाया में लगाना चाहिए. तेज़ धूप और गर्मी के कारण इसका उत्पादन अच्छा नहीं हो पाता है. इलायची के पौधे का तना 1 से 2 मीटर लंबा होता है. इसके पौधों को एक से दो फीट की दूरी पर लगाना चाहिए.
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इलायची के पौधे को विकसित होने में तीन से चार साल का समय लगता है. वहीं इलायची का उत्पादन 135 से 150 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक लिया जा सकता है. कटाई के बाद इसे कई दिनों तक धूप में सुखाया जाता है. फिर 18 से 24 घंटे तक गर्म तापमान पर सुखाने के बाद इसे कॉयर मैट या तार की जाली से हाथ से रगड़ा जाता है. फिर इसे आकार और रंग के अनुसार काटा जाता है. बाजार में इलायची 1100 से 2000 रुपये प्रति किलो मिलती है. इस प्रकार आप इसकी खेती से लाखों कमा सकते हैं.