केले की फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर देगा यह रोग, कैसे करें पहचान और प्रबंधन

केले की फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर देगा यह रोग, कैसे करें पहचान और प्रबंधन

काला सिगाटोका रोग एक प्रकार का फफूंद (fungus) से होने वाला रोग है, जो केले की पत्तियों पर प्रभाव डालता है. यह रोग मुख्य रूप से बारिश के मौसम में ज्यादा फैलता है, खासकर जब नमी और तापमान दोनों अधिक होते हैं.

केले की फसल को बर्बाद कर देगा ये रोगकेले की फसल को बर्बाद कर देगा ये रोग
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 27, 2025,
  • Updated Aug 27, 2025, 9:36 AM IST

केला भारत में बहुत ही लोकप्रिय और लाभदायक फल है, लेकिन इसमें कई प्रकार के रोग लगते हैं जो उत्पादन को प्रभावित करते हैं. ऐसा ही एक आम और खतरनाक रोग है काला सिगाटोका रोग, जो कि एक फफूंदजनित रोग है. यह रोग यदि समय पर न पहचाना जाए और इसका प्रबंधन न किया जाए, तो केले की उपज में भारी नुकसान हो सकता है.

काला सिगाटोका रोग क्या है?

काला सिगाटोका रोग एक प्रकार का फफूंद (fungus) से होने वाला रोग है, जो केले की पत्तियों पर प्रभाव डालता है. यह रोग मुख्य रूप से बारिश के मौसम में ज्यादा फैलता है, खासकर जब नमी और तापमान दोनों अधिक होते हैं.

रोग के लक्षण

  • इस रोग की पहचान कुछ विशेष लक्षणों से की जा सकती है:
  • पत्तियों के निचले भाग पर काले रंग के धब्बे दिखाई देते हैं.
  • ये धब्बे धीरे-धीरे घारीदार लाइनों के रूप में फैलने लगते हैं.
  • रोग बढ़ने पर पत्तियां जल्दी सूख जाती हैं.
  • पौधों पर लगे केले समय से पहले अधपके या कमजोर हो जाते हैं.
  • फल की गुणवत्ता गिर जाती है और किसान को उचित लाभ नहीं मिल पाता.

रोग फैलने के कारण

  • अधिक तापमान और नमी.
  • लगातार बारिश या पानी का जमाव.
  • संक्रमित पौधों की समय पर पहचान न होना.

काला सिगाटोका रोग का प्रबंधन कैसे करें?

किसान भाई इस रोग को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं:

1. रासायनिक नियंत्रण

  • कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% घुलनशील पाउडर का उपयोग करें.
  • 1 ग्राम दवा को 1 लीटर पानी में मिलाकर अच्छे से घोल तैयार करें.
  • इस घोल का 15-20 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करें, विशेष रूप से बारिश के मौसम में.

2. साफ-सफाई और पौधों की निगरानी

  • संक्रमित पत्तियों को समय-समय पर हटाएं और नष्ट करें.
  • खेत में जलजमाव न होने दें और सही निकास व्यवस्था बनाएं.

3. फसल चक्र अपनाएं

  • एक ही खेत में बार-बार केले की खेती न करें. फसल चक्र अपनाकर भूमि को रोगमुक्त रखें.

काला सिगाटोका रोग केले की फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन यदि समय पर इसकी पहचान की जाए और उचित रासायनिक व जैविक उपाय अपनाए जाएं, तो इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. किसान भाइयों को चाहिए कि वे मौसम के अनुसार सतर्क रहें और पौधों की नियमित निगरानी करते रहें.

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