BKU ने की समय पर धान खरीद की मांग, किसानों को नुकसान से बचाने की अपील

BKU ने की समय पर धान खरीद की मांग, किसानों को नुकसान से बचाने की अपील

भारतीय किसान यूनियन (सर छोटू राम) ने 15 सितंबर से धान की समय पर खरीद की मांग की है. किसानों को एमएसपी पर फसल बेचने का हक मिले, इसके लिए 1 सितंबर को बड़ा प्रदर्शन होगा.

धान खरीद की मांगधान खरीद की मांग
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 28, 2025,
  • Updated Aug 28, 2025, 10:46 AM IST

भारतीय किसान यूनियन (सर छोटू राम) ने सरकार से 15 सितंबर से ही धान की खरीद शुरू करने की मांग की है. BKU नेताओं का कहना है कि कई किस्म की धान जल्दी पक जाती है और सरकार द्वारा समय पर खरीद न होने की वजह से किसान अपनी फसल प्राइवेट व्यापारियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम दाम पर बेचने को मजबूर हो जाते हैं. इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होता है.

MSP पर फसल की खरीद हो

BKU प्रवक्ता बहादुर महला बल्दी ने कहा, "कुछ धान की किस्में जल्दी तैयार हो जाती हैं, इसलिए उनकी समय पर खरीद बहुत जरूरी है." एक अन्य किसान नेता जगदीप औलख ने कहा कि किसानों को उनकी फसल का पूरा MSP मिलना चाहिए ताकि वे मजबूरी में फसल सस्ते में न बेचें.

इन मुद्दों पर भी किसानों ने की मांग

BKU ने सिर्फ धान खरीद ही नहीं, बल्कि और कई मुद्दों पर भी सरकार का ध्यान खींचा है. उन्होंने मांग की कि:

  • खाद वितरण के लिए पोर्टल पर अनिवार्यता को हटाया जाए.
  • 'बौनी बीमारी' से खराब हुई फसल का मुआवजा एक विशेष गिरदावरी के माध्यम से दिया जाए.
  • नहरों और नालों की सफाई की जाए ताकि सिंचाई सुविधाएं बेहतर हो सकें.
  • ट्यूबवेल कनेक्शन की प्रक्रिया को आसान बनाया जाए.
  • बिजली बिल और स्मार्ट मीटर को वापस लिया जाए.
  • MSP की गारंटी के साथ समय पर फसल की खरीद की जाए.
  • नकली बीज और कीटनाशकों पर रोक लगे और इनके वितरण में पारदर्शिता हो.

1 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन

इन सभी मांगों को लेकर किसान 1 सितंबर को कुरुक्षेत्र में मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन करेंगे. बहादुर महला ने कहा, "हम सरकार की किसान विरोधी नीतियों को उजागर कर रहे हैं और किसानों को इस प्रदर्शन में शामिल होने का निमंत्रण दे रहे हैं. हमें किसानों से अच्छा समर्थन मिल रहा है."

BKU की मांगें सीधे तौर पर किसानों के हित से जुड़ी हैं. अगर सरकार समय रहते कार्रवाई करती है तो इससे न सिर्फ किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि कृषि व्यवस्था भी मजबूत होगी.

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