
अभी ज्यादातर राज्यों में किसानों को धान खरीदी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसानों को उपज के भुगतान के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. लेकिन आंध्र प्रदेश इस प्रथा को बदलने की तैयारी में है. वहां अब 48 घंटे या 24 घंटे नहीं, मात्र 2 घंटे के अंदर किसानों को उनके उपज का मूल्य देने की तैयारी की जा रही है. आंध्र प्रदेश में नायडु सरकार अब धान किसानों को उनकी उपज का भुगतान 2 घंटे में देने का काम करेगी. सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी. उन्होंने
मुख्यमंत्री ने कहा कि धान खरीदी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी रहे, इसके लिए हमारी प्रतिबद्ध है. सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को दो घंटे में ही डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से उनकी उपज का मूल्य मिल जाए. 'न्यू इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम नायडु ने बताया कि इस साल धान खरीदी में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
पिछले साल (सीजन में) 12.55 लाख टन धान खरीदी गई थी. वहीं इस साल 3.7 लाख किसानों 22 लाख टन धान खरीदी गई है. सीएम ने यह भी बताया कि इनमें से 93 प्रतिशत धान खरीद का भुगतान 24 घंटे के अंदर ही कर दिया गया. सीएम चंद्रबाबू नायडू ने चावल तस्करी करने वालों पर भी पीडी (निवारक निरोध) अधिनियम के तहत कड़ा एक्शन लेने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि हम तस्करों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करेंगे, जिससे राज्य में ‘चावल तस्कर’ शब्द सुनने को नहीं मिलेगा.
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इसके पहले उन्होंने धानेकुला इंजीनियरिंग कॉलेज में रायथु सेवा केंद्र (आरएसके) और गंगुरू गांव में एक चावल मिल का दौरा किया. आरएसके (रायथु सेवा केंद्र) के दौरे पहुंचे सीएम नायडू ने एक किसान अकुनुरी संबाशिव राव से बातचीत की. किसान ने सीएम को बताया कि धान खरीद को लेकर सरकारी मैसेज चेक करने में कठिनाई होती है. इसपर सीएम ने किसान संबाशिव राव के मोबाइल पर मैसेज चेक करने के बारे में बताया और खुद स्टेटस पढ़ा. सीएम ने किसान को खरीदी गई धान में नमी में पाए जाने की बात कही.
आएसके पर किसानों ने सीएम को नहरों की गंदगी-प्रदूषण, धान के लिए ड्रायर की जरूरत, आरएसके और मिलों में धान के मापी गई नमी के प्रतिशत में गड़बड़ी मुद्छा उठाया और बोरियों की समस्या की जानकारी भी दी. इस पर सीएम ने कहा कि जून तक पट्टीसीमा या पुलीचिंतला सिंचाई परियोजनाओं के जरिए खरीफ सीजन के लिए पानी की सप्लाई किया जाएगा. वहीं, उन्होंने आरएसके और चावल मिलों में नमी परीक्षण को लेकर कहा कि इन्हें मानकीकृत (Standardized) किया जा रहा है. उन्होंने पांच करोड़ बोरियों के वितरण की भी जानकारी दी.