आंवला की खेती का चलन अब तेजी से बढ़ रहा है. बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में किसान बड़े स्तर पर इसकी खेती कर रहे हैं. इससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है. किसानों को कहना है कि मार्केट में आंवला की हमेशा मांग रहती है. इसका उपयोग कई तरह की आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में किया जाता है. ऐसे आंवले का सबसे ज्यादा इस्तेमाल च्यवनप्राश बनाने में किया जाता है, जिसे खाने से कई तरह के रोग ठीक हो जाते हैं. लेकिन क्या आपको मालूम है कि आंवला गुणकारी होने के साथ-साथ वास्तु के हिसाब से भी बहुत शुभ है. ऐसी मान्यता है कि घर के परिसर में आंवले के पेड़ लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. साथ ही घर में पैसों की कोई कमी नहीं होती है.
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, आंवले के पड़े को बहुत ही शुभ माना गया है. यह सकारात्मक ऊर्जा का बहुत बड़ा स्त्रोत है. घर में इसके पौधे लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. साथ ही घर में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है. लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि आप किसी भी दिन घर में आंवले का पौधा नहीं रोप सकते हैं. आंवले का पौधा किसी खास दिन ही लगाना चाहिए, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि आंवले के पेड़ पर भगवान विष्णु निवास करते हैं. इसलिए नियमित रूप से आंवले के पेड़ पर जल चढ़ाने से कई तरह की कष्टों से मुक्ति मिल जाती है.
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वास्तु शास्त्र के मुताबिक, आंवला का पेड़ किसी भी दिन और किसी भी समय नहीं लगाया जा सकता है. इसके पौधे को रोपने के लिए गुरुवार, शुक्रवार, अक्षय नवमी को सबसे शुभ दिन माना गया है. इसके अलावा आप आमलकी एकादशी के दिन भी आंवला का पौधा लगा सकते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन उत्तर- पूर्व दिशा में आंवला का पौधा लगाने से घर में सुख- समृद्धि बनी रहती है. साथ ही कहा जाता है कि आंवले के पेड़ की पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय बीतता है. दांपत्य जीनव में कोई परेशानी नहीं होती है.
ऐसे भी आंवले की रोपाई करने के लिए बरसात का मौसम सबसे अच्छा माना गया है. आप जुलाई से सितंबर महीने के बीच आंवले के पौधों की रोपाई कर सकते हैं. खास बात यह है कि रोपाई करने के 4-5 साल में यह फल भी देने लगता है. वहीं, 8 से 9 साल पुराने पेड़ से आप हर साल औसतन 1 क्विंटल आंवला तोड़ सकते हैं. बाजार में एक किलो आंवला 30 से 40 रुपये किलो बिकता है. इस तरह एक पेड़ से किसान हर साल 30 हजार रुपये तक की कमाई कर सकते हैं.
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