भारत में उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा आम का उत्पादन करता है. वर्तमान समय में देश की राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद और काकोरी फल पट्टी क्षेत्र में आम की सबसे ज्यादा किस्में मौजूद है. मैंगो मैन के नाम से मशहूर पद्मश्री से सम्मानित कलीमुल्लाह खान कहते हैं 1990 के पहले मलिहाबाद में आम की 1300 से ज्यादा किस्में मौजूद थी, जो अब घट के 600 करीब रह गई है.उनके पिता के द्वारा यहां आम की एक किस्म को विकसित किया गया था, जो खाने में स्वादिष्ट और काफी रसीला है. इसलिए उनके नाम पर ही इस काम को अब्दुल्ला ग्रेट (Abdullah Great Mango) कहा जाता है. आम के पल्प कारोबार के लिए यह किस्म सबसे ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है.
मलिहाबाद की अब्दुल्लाह नर्सरी के भीतर 120 साल पुराना एक आम का पेड़ है, जिस पर एक नहीं बल्कि 300 तरह के आम के फल लगते हैं. इसी प्राचीन पेड़ में 50 ऐसी वैरायटी हैंं, जो कारोबार वाली है. आम के वैज्ञानिक कहे जाने वाले पद्मश्री से सम्मानित कलीमुल्लाह खान ने किसान तक को बताया की 1990 के समय पूरे भारत में आम को लेकर प्रदर्शनी आयोजित की गई थी. उस समय यूपी के डायरेक्टर शिवपाल तेवतिया थे. उस दौरान उनके अब्दुल्ला ग्रेट आम की वैरायटी को पहला इनाम मिला था. यहीं नहीं प्रदर्शनी में देश के भीतर नई किस्मों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के चलते उनके इस आम पहला इनाम मिला था. वहीं उन्होंने बताया आम की इस किस्म को उनके पिताजी के द्वारा विकसित किया गया है. इसलिए उन्होंने इसका नाम अब्दुल्ला ग्रेट रखा है.
मैंगो मैन के नाम से मशहूर कलीमुल्लाह खान बताते हैं उनके पिता के द्वारा विकसित आम की यह किस्म पूरे देश में खास स्थान रखती है. यह आम खाने में यह बहुत ही मीठा है और इसकी गुठली बहुत ही पतली है. इसमें गुदा बहुत ज्यादा है. आम के पल्प कारोबार के लिए यह आम सबसे उपयुक्त है. अब्दुल्ला ग्रेट चौसा आम से भी ज्यादा मीठा है और इसमें गुदा भी ज्यादा है. इस आम की पैदावार भी लंगड़ा, चौसा से काफी ज्यादा है.
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मैंगो मैन के नाम से मशहूर मलिहाबाद के कलीमुल्लाह खान को 300 से ज्यादा आम की किस्म विकसित करने के लिए 2008 में बागवानी के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसी साल उन्हें उद्यान पंडित पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है. यहीं नहीं कलीमुल्लाह खान का नाम एशिया के 100 शोधकर्ताओं में भी शामिल है. इसके अलावा यूएई ,ईरान जैसे देशों में भी उनको सम्मान मिल चुका है. 2002 में तो दुबई में उन्हें सम्मान स्वरूप 10 तोले सोने का बिस्कुट भी मिल चुका है.
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