पंजाब में इस साल निजी गेहूं खरीद में खास इजाफा देखा गया है. जानकारों की मानें तो साल 2006 में खरीद में इतनी वृद्धि देखी जा रही है. उनका कहना है कि 19 साल बाद खरीद उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. नए आंकड़े पुराने रिकॉर्ड के करीब पहुंचते जा रहे हैं. साल 2006 को आज भी राज्य में पिछले दो दशकों में व्यापारियों की तरफ से सबसे ज्यादा निजी गेहूं खरीद का वर्ष माना जाता है. विशेषज्ञों की मानें तो यह पंजाब में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है.
अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने पंजाब मंडी बोर्ड के आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से बताया है कि बुधवार तक निजी व्यापारियों ने पंजाब में 9.28 लाख टन गेहूं खरीदा है. भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के रिकॉर्ड के अनुसार, निजी खरीद में एकमात्र उच्चतर वृद्धि साल 2006 में हुई थी. उस समय निजी व्यापारियों ने 13.12 लाख टन गेहूं की खरीद की थी. साल 2007 में 9.18 लाख टन की निजी खरीद हुई थी. अगर यह ट्रेंड जारी रहा तो फिर यह सीजन निजी खरीद के साल 2006 के रिकॉर्ड की बराबरी कर सकता है या उसे पार कर सकता है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि सीजन के अंत तक यह 2006 के रिकॉर्ड तक पहुंच जाएगा.' चालू खरीद सत्र में खरीदे गए 114.16 लाख टन गेहूं में निजी व्यापारियों द्वारा खरीदा गया गेहूं भी एक बड़ा हिस्सा है. राज्य की मंडियों में कुल गेहूं की आवक 115.57 लाख टन है, जिसका मतलब है कि कुल खरीद में निजी खिलाड़ियों की हिस्सेदारी 8 प्रतिशत से ज्यादा है. यह खरीद इसलिए भी खास है क्योंकि राज्य में सरकारी खरीद एजेंसियों का हमेशा से दबदबा रहा है. राज्य में गेहूं की खरीद अभी भी जारी है और अभी यह दो हफ्तों तक चलेगी. इस साल पंजाब में बंपर फसल की उम्मीद है क्योंकि पूरे मौसम में मौसम की स्थिति अनुकूल रही है.
हाल के वर्षों में निजी खरीद के आंकड़ें काफी कम रहे हैं. साल 2024 में यह 7.55 लाख टन थी. वहीं 2023 में यह 4.69 लाख टन, 2022 में यह 6.33 लाख टन, 2021 में यह सिर्फ 1.14 लाख टन, 2020 में 1.93 लाख टन, 2019 में यह 2.80 लाख टन और 2018 में यह 2.06 लाख टन ही थी. पंजाब में लगभग 70-75 रोलर आटा मिलें हैं, जिनकी डेली प्रोसेसिंग कैपिसिटी 7,400 टन गेहूं है. हालांकि वो आम तौर पर करीब 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करती हैं. इसका मतलब यही है कि एनुअल प्रोसेसिंग कैपेसिटी करीब लगभग 15 लीटर है. मिलर्स मुख्य रूप से पंजाब और अन्य राज्यों में आटा, सूजी और मैदा की सप्लाई पर ध्यान केंद्रित करते हैं. आने वाले दिनों में मिलर्स को उम्मीद है कि दो से तीन लाख टन गेहूं और खरीदा जा सकता है. बाकी तीन लाख टन की खरीद हो सकता है सीधे किसानों से की जाए क्योंकि कई किसानों ने बाद में निजी व्यापारियों को बेचने के लिए अपनी उपज का एक हिस्सा बचाकर रखा है.
यह भी पढ़ें-