केंद्र सरकार भारतीय खाद्य निगम (FCI) के माध्यम से खुले बाजार में गेहूं की नीलामी करती है, जिसमें आटा मिल मालिक और प्रोसेसर्स बोली लगाकर गेहूं का उठान करते हैं. FCI ने गेहूं नीलामी की साप्ताहिक मात्रा 50 प्रतिशत बढ़ाकर 1.5 लाख टन किया है, जिसके बाद इस हफ्ते की नीलामी में तय लिमिट का 94 गेहूं बिक गया. नीलामी में 13 राज्यों के खरीदारों ने सबसे ज्यादा कीमत की बोली लगाई, जिसमें 3000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक की बोली भी लगी.
भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने 15 जनवरी को गेहूं की ई-नीलामी आयोजित की, जिसमें लगभग 875 खरीदारों ने बोली लगाते हुए 2,696 रुपये प्रति क्विंटल के औसत भाव से 1.41 लाख टन से ज्यादा गेहूं खरीदा.
‘बिजनेसलाइन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हफ्ते हुई गेहूं की ई-नीलामी में उच्चतम बोली छत्तीसगढ़ में 2,570 रुपये प्रति क्विंटल लगी और असम में 3,308 रुपये/क्विंटल रही. वहीं, सबसे कम बोली मध्य प्रदेश और पंजाब में 2,300 रुपये/क्विंटल और ओडिशा में 2,636 रुपये/क्विंटल रही.
ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वोत्तर राज्य, जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना जैसे राज्यों में नीलामी के लिए रखे गए 99 से 100 प्रतिशत गेहूं का उठान हुआ. कर्नाटक में नीलामी के लिए 7,000 टन गेहूं रखा गया था, जिसमें से 82 प्रतिशत उठान की सूचना है. यहां तकनीकी गड़बड़ी की भी जानकारी सामने आई है, जिसके कारण कुछ मिलर्स और प्रोसेसर्स समय पर बयाना भुगतान अपलोड नहीं कर पाए.
पंजाब में नीलामी के लिए रखे गए 24,000 टन गेहूं में से 91 प्रतिशत से ज्यादा गेहूं बिक गया. यहां पिछले हफ्ते 14,500 टन गेहूं का उठान हुआ था. वहीं, उत्तर प्रदेश में 19,000 टन गेहूं में से 92 प्रतिशत गेहूं नीलामी में उठ गया. पिछले हफ्ते यहां 15,000 टन का उठान हुआ था. बिहार में 10,000 टन में से 94 प्रतिशत गेहूं का उठान हुआ है. यहां नीलाम किए जाने वाले गेहूं की साप्ताहिक मात्रा बढ़ाकर 7,000 टन से 10 हजार टन की गई है.
रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की पूर्व सचिव वीना शर्मा ने कहा कि ओएमएसएस के तहत गेहूं की अतिरिक्त मात्रा जारी किए जाने से कीमतों को कुछ हद तक नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. यह एक स्वागत योग्य कदम है. बाजार में अभी सप्लाई नहीं है और नई फसल आने में अभी 8-10 हफ्ते शेष हैं. लेकिन सरकार को गेहूं की ज्यादा मात्रा में नीलामी करने की जरूरत है, क्योंकि कीमतें पहले से ही रिकॉर्ड हाई पर चल रही हैं. ऐसे में यह एमएसपी पर गेहूं की खरीद के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है.