धौलपुर में भारी बारिश से बाढ़, दर्जनों गांवों में फसलें पानी में डूबी, किसानों ने सरकार से लगाई गुहार

धौलपुर में भारी बारिश से बाढ़, दर्जनों गांवों में फसलें पानी में डूबी, किसानों ने सरकार से लगाई गुहार

Dholpur Flood Situation: धौलपुर जिले में लगातार बारिश से नदी-तालाब और बांध लबालब भर गए हैं. बसेड़ी और सैपऊ उपखंड के 25 से अधिक गांवों में बाढ़ ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है, खेतों में पानी भरा हुआ है. किसानों का कहना है कि पिछले साल भी मुआवजा नहीं मिला थ. इस बार भी अब तक गिरदावरी नहीं हुई है.

Dholpur farmland submerged crop damageDholpur farmland submerged crop damage
क‍िसान तक
  • Dholpur,
  • Sep 06, 2025,
  • Updated Sep 06, 2025, 8:39 PM IST

राजस्थान के धौलपुर जिले में लगातार हो रही बारिश से नदी, तालाब, बांध और एनीकट लबालब भर चुके हैं. शहरों से लेकर गांव तक बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. बारिश से लोगों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है. भारी बारिश ने सबसे ज्यादा परेशानी किसानों की बढ़ा रखी है. खरीफ की सभी फसलें बर्बाद हो रही हैं. खेत खलिहान सभी पानी से लबालब भर चुके हैं. किसान टकटकी लगाए बैठे हैं कि सरकार कब मदद के लिए आगे आएगी. पीड़ि‍त किसानों ने बताया कि मुआवजे के लिए कागजात में पैसे खर्च हो जाते हैं, लेकिन पिछले साल भी मुआवजा नहीं मिला और इस साल अभी तक उनके पास गिरदावरी के लिए कोई नहीं आया है.

बसेड़ी और सैपऊ में सबसे ज्‍यादा नुकसान

किसानों ने कहा कि बारिश ने वैसे तो जिले में चारों तरफ नुकसान पहुंचाया है. लेकिन, सबसे अधिक नुकसान बसेड़ी और सैपऊ उपखंड क्षेत्र में हुआ है. दोनों उपखंड क्षेत्र के किसानों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. बसेड़ी उपखंड क्षेत्र में महू गुलावली, नगला रायजीत, एकटा, कुनकुटा,कान्हा का नगला, माफल का पुरा, घड़ी, बोरेली, खेमरी, ममोधन, रतनपुर, भुम्मा का नगला, सिगना का नगला, सलेमपुर, नोनेरा समेत कई गांव के खेत पानी में डूब चुके हैं.

वहीं, सैपऊ उपखंड में कैथरी, राजा का नगला, ठाकुरदास का नगला, रजोरा कला, रोहाई, सहरोली, कूंकरा, मांकरा, नगरिया, चहलपुरा, ईंटकी, बाला का नगला, परौआ, नगला हरनाथ, बाला का नगला, मोतीराम का नगला, कनासिल समेत 25 से अधिक गांव में बाढ़ जैसे हालत बने हुए. इन दोनों उप खंड क्षेत्रों में खेत, रास्ते, स्कूल और पंचायत भवन पानी में डूबे हुए हैं.

चम्‍बल और पार्वती की बाढ़ ने फसल की चौपट

इस मॉनसून सीजन में जुलाई के महीने में चम्बल और पार्वती नदी की बाढ़ ने पहले ही राजाखेड़ा, सरमथुरा, बाड़ी और धौलपुर क्षेत्र के पांच दर्जन से अधिक गांव और ढाणियों में फसल को चौपट कर दिया था और अब लगातार हो रही बारिश से सैपऊ और बसेड़ी उप खंड क्षेत्र के 25 से अधिक गांव को जलमग्न कर दिया है. किसानों ने बताया कि जून के महीने में खरीफ और नगदी फसल की बुवाई की थी.

खेत में लगी चारा फसल भी बर्बाद

फसल बुवाई होने के बाद से ही बारिश का दौर शुरू हो गया. ढाई महीने तक लगातार हुई बरसात से सभी फसल खेतों में बर्बाद हो गई और किसानों के अरमानों पर आसमानी आफत ने पानी फेर दिया. किसानों ने बताया कि आजीविका का दूसरा साधन मवेशी पालन भी किसानों के हाथों से निकल गया है. खेतों में चारा भी नष्ट हो गया है. किसान सरकार से उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं, ताकि थोड़ी राहत मिल सके. किसानों ने कहा कि अगर सरकार ने मदद नहीं की तो उन्‍हें काम के लिए शहरों में पलायन करना पड़ेगा.

खतरे के निशान के ऊपर बह रही चम्‍बल नदी

बता दें कि हाड़ौती क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश से चम्बल नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद वर्तमान में चंबल नदी तीसरी बार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. उधर, पार्वती बांध से लगातार पानी छोड़े जाने से पार्वती नदी 6वीं बार उफान पर आ गई है, जिसके कारण सैपऊ-बाड़ी रपट मार्ग, मालोनी खुर्द रपट मार्ग, सखवारा रपट मार्ग, ठेकुली रपट, जसूपुरा, नादौली रपट मार्ग पर करीब चार फ़ीट पानी की चादर चलने से पचास से अधिक गांव और ढाणियों के सम्पर्क जिला मुख्यालय से कट गया है. धौलपुर जिले में सात बांधों में से 6 बांध ओवरफ्लो चल रहे हैं. (उमेश मिश्रा की रिपोर्ट)

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