
पंजाब ने एक बार फिर गन्ना किसानों के हित में बड़ा कदम उठाते हुए राष्ट्रीय स्तर पर नया रिकॉर्ड बना दिया है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को आगामी पेराई सीजन के लिए गन्ने का दाम 416 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने का ऐलान किया. इस बढ़ोतरी के साथ पंजाब देश में गन्ने का सबसे ज्यादा भाव देने वाला राज्य बन गया है.
दीनानगर में नई शुगर मिल और को-जेनरेशन प्लांट का उद्घाटन करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए CM मान ने कहा कि पंजाब नेशनल लेवल पर एक नया बेंचमार्क सेट कर रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार गन्ना किसानों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है और यह बढ़ोतरी उसी दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है.
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पंजाब सरकार द्वारा तैयार की गई ‘फतेह’ सल्फरलेस चीनी को भी लॉन्च कर दिया गया है, जो क्वालिटी उत्पादों की श्रेणी में एक महत्वपूर्ण जोड़ होगा.
मान ने कहा कि पंजाब हमेशा से देश में गन्ने का सर्वाधिक दाम देने में अग्रणी रहा है और यह परंपरा आज भी जारी है. नई शुगर मिल और प्लांट से न सिर्फ उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, बल्कि किसानों को समय पर भुगतान और बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी.
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि किसानों के हक में उठाए गए इस कदम से किसानों को बहुत फायदा होगा, खासकर बॉर्डर वाले जिलों के किसानों को, जहां गन्ना एक मुख्य फसल है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि गन्ना एक बढ़िया वैकल्पिक फसल है जो राज्य की फसल अलग-अलग तरह की फसलों की कोशिशों को और मजबूत कर सकती है.
उन्होंने केंद्र सरकार से गन्ने को पानी ज्यादा इस्तेमाल करने वाली फसलों के एक सही विकल्प के तौर पर पहचानने और बढ़ावा देने की अपील की.
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए, मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने गुरदासपुर में नई कोऑपरेटिव शुगर मिल शुरू की है, जो राज्य के कोऑपरेटिव और एग्रो-इंडस्ट्रियल सेक्टर में एक बड़ी कामयाबी है. उन्होंने कहा कि 1980 में 1,250 TCD की शुरुआती पेराई क्षमता के साथ शुरू हुई और 1987 में इसे बढ़ाकर 2,000 TCD कर दिया गया, यह मिल चार दशकों से ज्यादा समय से गन्ना किसानों के लिए एक जरूरी सपोर्ट सिस्टम के तौर पर काम कर रही है.
भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब इस इलाके में लगभग 80 लाख क्विंटल गन्ने का उत्पादन होता है, जबकि पहले मिल की क्षमता हर सीजन में केवल 25 लाख क्विंटल पेराई की थी. पंजाब सरकार ने इस कमी को पूरा करने के लिए एक बड़ा मॉडर्नाइजेशन प्रोजेक्ट शुरू किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई मिल की क्रशिंग कैपेसिटी 5,000 TCD तक बढ़ गई है, जिससे इलाके के बहुत सारे गन्ने की समय पर और अच्छे से प्रोसेसिंग हो सकेगी. उन्होंने कहा कि नया शुगर कॉम्प्लेक्स प्रोसेसिंग कैपेसिटी बढ़ाएगा, किसानों की इनकम बढ़ाएगा, गन्ने का सही इस्तेमाल सुनिश्चित करेगा, चीनी की क्वालिटी में सुधार करेगा और ट्रांसपोर्टेशन का बोझ कम करेगा. भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि इससे बिजली एक्सपोर्ट के जरिए एक टिकाऊ कमाई का सोर्स भी बनेगा, साथ ही इलाके में हजारों लोगों को डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रोजगार भी मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पंजाब के कोऑपरेटिव सेक्टर को मजबूत करने, ग्रामीण इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने और किसानों की खुशहाली और क्लीन एनर्जी प्रोडक्शन के लिए राज्य सरकार के कमिटमेंट को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. उन्होंने कहा कि एक स्टेट-ऑफ-द-आर्ट सल्फरलेस रिफाइंड शुगर प्लांट भी लगाया गया है, जो प्रीमियम-ग्रेड चीनी बनाने में सक्षम है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि एक और खास बात 28.5 MW के को-जेनरेशन पावर प्लांट का चालू होना है, जिसे PSPCL को 20 MW सरप्लस बिजली एक्सपोर्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पावर एक्सपोर्ट से हर पेराई सीजन में लगभग 20 करोड़ रुपये का सालाना रेवेन्यू मिलने का अनुमान है, जिससे मिल की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी काफी मजबूत होगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस विस्तार से पूरे इलाके के गन्ना किसानों को सीधा फायदा होगा और मिल को गन्ना सप्लाई करने वाले किसानों की संख्या 2,850 से बढ़कर लगभग 7,025 होने की उम्मीद है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे दूर की प्राइवेट मिलों पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी और किसानों का ट्रांसपोर्टेशन का काफी समय और खर्च बचेगा.