पंजाब के मानसा जिले में कपास किसान इन दिनों बहुत परेशान हैं. परेशानी की वजह है कपास पर पिंक बॉलवर्म यानी कि गुलाबी इल्लियों का प्रकोप. कपास पर इन कीटों का सबसे अधिक हमला होता है और कपास को सबसे अधिक नुकसान इसी गुलाबी इल्ली से होता है. गुलाबी इल्ली को कपास का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है क्योंकि यह कीट कपास का कोई हिस्सा नहीं छोड़ता. इस कीट का पूरा जीवन कपास के पौधे पर बीतता है. यहां तक कि यह पत्ती से लेकर कली और फूल तक को चट कर जाता है. कुछ ऐसी ही स्थिति अभी पंजाब के मानसा में देखी जा रही है जिससे किसान बहुत परेशान हैं.
मानसा में गुलाबी इल्लियों का प्रकोप लगातार देखा जा रहा है. बीते दो वर्षों में भी गुलाबी इल्ली ने कपास को नुकसान पहुंचाया है. इस बार भी मानसा के कपास के खेतों में इस कीट का प्रकोप देखा जा रहा है. हालांकि अभी यह शुरुआती फेज में है, इसलिए किसान तुरंत इसका इलाज कर अपनी फसल को बचा लेना चाहते हैं.
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गुलाबी इल्ली के हमले की शुरुआत मानसा जिले से हुई है और गुरुवार को कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने विधायक गुरप्रीत सिंह बनावाली और कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ खेतों का दौरा किया. खेतों के दौरे के दौरान मंत्री ने कहा कि फसल को गुबाली इल्ली या पिंक बॉलवर्म से बचाने के लिए वे कल (शुक्रवार) मुख्यमंत्री भगवंत मान से बात करेंगे. जरूरत पड़ी तो सरकार किसानों को मुफ्त दवा उपलब्ध कराएगी. उन्होंने कहा कि कपास की फसल मालवा की अर्थव्यवस्था से जुड़ी हुई है. इस कीट के प्रकोप से फसल को बचाने के लिए सामुदायिक समूह का गठन किया गया है और कृषि अधिकारियों और अन्य विशेषज्ञों को खेतों में डेरा डालने के आदेश जारी किए गए हैं.
इस दौरान विभाग के संयुक्त निदेशक जगदीप सिंह ने किसानों से अपील की कि वे फसल पर लगे कपास के खराब फूलों को नष्ट कर दें, क्योंकि इनका पैदावार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. इन्हें नष्ट करके गुलाबी सुंडी (इल्ली) को कुछ हद तक समाप्त किया जा सकता है और आगे चलकर इसकी दूसरी पीढ़ी को भी नियंत्रित किया जा सकता है.
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कृषि विभाग के निदेशक ने भी खेतों का दौरा किया. इस बीच, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के निदेशक डॉ. गुरविंदर सिंह ने मनसा जिले के ठूठियावाली और करमगढ़ औतांवाली गांवों के खेतों का दौरा किया और किसानों से कहा कि वे घबराएं नहीं क्योंकि विभाग उनके खेतों की सुरक्षा के लिए तैयार है.