तस्वीरों में जानें कितने बढ़े मसालों के रेट, खलनायक बनी बेमौसमी बारिश

फसलें

तस्वीरों में जानें कितने बढ़े मसालों के रेट, खलनायक बनी बेमौसमी बारिश

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अभी तक आप टमाटर और प्याज जैसी सब्जियों की महंगाई से जूझ रहे थे. लेकिन अब मसालों ने भी परेशान करना शुरू कर दिया है. आपकी सब्जी में पड़ने वाला मसाला दिनों दिन महंगा हो रहा है. इसमें जीरा, हल्दी और धनिया शामिल हैं. इन मसालों के दाम में बढ़ोतरी जारी है.

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मसालों की महंगाई के पीछे असली वजह बेमौसमी बारिश को बताया जा रहा है. देश के जिन इलाकों में मसालों की खेती होती है, वहां तेज बारिश ने खेती को प्रभावित किया है. इससे फसलें चौपट हुई हैं. साथ ही पैदावार भी गिरी है. इसका असर देसी मार्केट से लेकर एक्सपोर्ट पर भी है.

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बेमौसम बारिश की वजह से मसालों की महंगाई में बड़ी तेजी देखी जा रही है. जून में मसालों की खुदरा महंगाई 19.9 परसेंट थी जो जुलाई में बढ़कर 21.63 परसेंट हो गई. व्यापारियों का कहना है कि अगले साल की शुरुआत तक इसमें गिरावट की संभावना नहीं. अभी महंगाई बढ़ी रहेगी.

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सबसे अधिक जीरे के दाम में वृद्धि देखी जा रही है. जनवरी महीने से ही इसमें तेजी है. उस वक्त बारिश ने नई फसलों को चौपट कर दी. इससे पैदावार पर असर पड़ा है. पैदावार गिरने के चलते बाजार में सप्लाई की गिरावट की आशंका के बीज जीरे के दाम में लगातार तेजी है.

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जीरे का भाव अभी 57,625 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. यह रेट गुजरात के ऊंझा, मेहसाणा जिले का है. यहां की मंडियों में साल भर पहले जीरे का रेट 30,000 रुपये प्रति क्विंटल हुआ करता था. इस हिसाब से जीरे में लगभग दोगुने की बढ़ोतरी देखी जा रही है. बाकी मसालों में भी तेजी है.

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जीरे के भाव में लगभग 100 फीसद की बढ़ोतरी है. लगभग यही हाल हल्दी के साथ भी है. महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु की मंडियों में हल्दी का भाव 16000 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि इसी साल अप्रैल-मई में यह दाम 7,000 रुपये हुआ करता था. हल्दी पर भी बारिश का असर है.

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मार्च और अप्रैल में मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिला. कहीं बारिश तो कहीं सूखे के हालात बने. इससे धनिया की खेती बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई. उस वक्त बिगड़े मौसम ने धनिया की पैदावार को कम कर दिया जिससे सप्लाई प्रभावित हुई है. इस वजह से देश की मंडियों में धनिया के भाव बढ़ा है.(सभी फोटो Freepik से साभार)