कपास, सोयाबीन के बाद हल्दी के दामों में भी गिरावट, अच्छी कीमत के लिए जूझ रहे किसान

कपास, सोयाबीन के बाद हल्दी के दामों में भी गिरावट, अच्छी कीमत के लिए जूझ रहे किसान

हिंगोली जिले रहने वाले किसान नितिन प्रभाकर राव नायक बताते हैं, इस साल उन्होंने सोयाबीन और हल्दी दोनों की खेती की है. सोयाबीन के अच्छे दाम मिलने के इंतज़ार में उन्होंने स्टोरेज किया हुआ है. वहीं हल्दी का सही भाव नहीं मिलने से निराशा है. उन्होंने हल्दी के पुराने स्टॉक में 42 क्विंटल अभी हाल में बेचा है जिसका 6000 रुपये प्रति क्विंटल भाव मिला था.

 हल्दी की कीमतों आई गिरावट. हल्दी की कीमतों आई गिरावट.
सर‍िता शर्मा
  • Noida,
  • Feb 11, 2023,
  • Updated Feb 11, 2023, 6:04 PM IST

महाराष्ट्र में किसान इस समय उपज का उचित दाम नहीं मिलने से परेशानी में हैं. एक तरफ सोयाबीन, कपास और प्याज़ की गिरती क़ीमतों से वे पहले से ही परेशान थे, वहीं अब हल्दी का भी सही दाम नहीं मिल रहा है. कुछ किसानों का कहना हैं कि अगर हल्दी का सही दाम नहीं मिलेगा तो वे इसे नहीं बेचेंगे. जिन किसानों ने सोयाबीन और हल्दी की खेती की है, उन्हें इस साल भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसान अभी पुरानी हल्दी बेच रहे हैं जिसका उन्हें 6000 रुपये प्रति क्विंटल भाव मिल रहा है. 10 से 15 दिनों में नई हल्दी की हार्वेस्टिंग शुरू हो जाएगी. ऐसे में कीमतों में गिरावट देख किसान चिंतित हैं. राज्य में सांगली, जालना, हिंगोली और नांदेड जिले में सबसे ज्यादा हल्दी की खेती की जाती है.

दूसरी ओर, सोयाबीन की कीमतें पिछले एक महीने से 3000 से लेकर 4000 रुपये क्विंटल पर स्थिर है. कृषि विशेषज्ञ किसानों को बाज़ारों की समीक्षा कर थोड़ा-थोड़ा हल्दी बेचने की सलाह दे रहे हैं. कुछ किसान कम दामों में उपज बेचने के लिए मजबूर हैं. 

क्या कहना है किसानों का

हिंगोली जिले रहने वाले किसान नितिन प्रभाकर राव नायक बताते हैं, इस साल उन्होंने सोयाबीन और हल्दी दोनों की खेती की है. सोयाबीन के अच्छे दाम मिलने के इंतज़ार में उन्होंने स्टोरेज किया हुआ है. वहीं हल्दी का सही भाव नहीं मिलने से निराशा है. उन्होंने हल्दी के पुराने स्टॉक में 42 क्विंटल अभी हाल में बेचा है जिसका 6000 रुपये प्रति क्विंटल भाव मिला था.

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नादेड कृषि उपज मंडी समिति के किसान सेशराव बीरगले ने नए सीजन की 26 क्विंटल हल्दी की बिक्री की जिसका उन्हें 6200 रुपये प्रति क्विंटल का रेट मिला. इसके चलते किसानों के मन में सवाल उठ रहा है कि जब शुरुआत में ही हल्दी का इतना कम भाव मिल रहा है, तो आगे क्या होगा. कई जिलों में दस दिनों में नई हल्दी की हार्वेस्टिंग शुरू होगी. इसके चलते किसान चिंता में हैं कि आगे क्या होगा. हल्दी को लंबे समय तक स्टॉक नहीं किया जा सकता है. ऐसे में किसानों को सब तरफ से नुकसान झेलना पड़ सकता है. 

किस मंडी में कितना दाम

  • सिमुर की मंडी में 11 फरवरी को सिर्फ 27 क्विंटल हल्दी की आवक हुई जिसका न्यूनतम दाम 6000 रुपये प्रति क्विंटल रहा. अधिकतम दाम 6600 रुपये प्रति क्विंटल रहा. औसत दाम 5500 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
  • हिंगोली में 1635 क्विंटल हल्दी की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम 5800 रुपये प्रति क्विंटल रहा. अधिकतम दाम 6669 रुपये प्रति क्विंटल रहा. औसत भाव 6230 रुपये प्रति क्विंटल रहा. 
  • लोहा मंडी में 39 क्व‍िंटल कॉटन की आवक हुई. जिसका न्यूनतम दाम 5022 रुपये प्रति क्विंटल रहा. अधिकतम दाम 5660 रुपये प्रति क्विंटल जबकि औसत दाम 5161रुपये प्रति क्विंटल मिला.

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