आम लोगों की चिंता बढ़ाएगी ये खबर, महाराष्ट्र सरकार ने बताया इस साल क्या रहेगा चीनी का हाल

आम लोगों की चिंता बढ़ाएगी ये खबर, महाराष्ट्र सरकार ने बताया इस साल क्या रहेगा चीनी का हाल

महाराष्ट्र में इस साल चीनी का उत्पादन गिरने वाला है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि मॉनसून की अच्छी बारिश नहीं हुई और न बांधों में पर्याप्त पानी है जिससे गन्ने की सिंचाई हो सके. ऐसे में चीनी का उत्पादन गिरने की आशंका प्रबल हो गई है. इस तरह चीनी के रेट लोगों को परेशान कर सकते हैं.

महाराष्ट्र में इस बार गिरेगा चीनी का उत्पादनमहाराष्ट्र में इस बार गिरेगा चीनी का उत्पादन
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 15, 2023,
  • Updated Aug 15, 2023, 6:40 PM IST

चीनी की ये खबर आम लोगों की चिंता बढ़ा सकती है. कुछ ऐसा ही इशारा महाराष्ट्र सरकार की तरफ से मिल रहा है. दरअसल, महाराष्ट्र के सहकारिता मंत्री दिलिप वालसे पाटिल ने कहा है कि चीनी का अगला सीजन मुश्किल होने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि गन्ने की बुआई बेहद प्रभावित हुई है. इसके पीछे उन्होंने दो वजहें बताई हैं. पहली, मॉनसून में देरी जिससे कि गन्ने को पानी नहीं मिला, उसकी सिंचाई सही ढंग से नहीं हो सकी. दूसरी वजह है महाराष्ट्र के बांधों में पानी की कमी. इन दोनों फैक्टर का हवाला देते हुए सहकारिता मंत्री ने कहा है कि प्रदेश में चीनी का उत्पादन गिर सकता है. ऐसे में आम लोगों के लिए यह चिंता की बात हो सकती है क्योंकि चीनी के रेट बढ़ सकते हैं.

सहकारिता मंत्री ने इसके पीछे की पूरी क्रोनोलॉजी भी बताई. मंत्री ने कहा कि पिछले सीजन में महाराष्ट्र में गन्ने की पेराई कम हुई. इससे चीनी का उत्पादन कम हुआ. सहकारिता मंत्री वालसे कहते हैं कि आने वाला सीजन भी उसी तरह का हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जून और जुलाई में बारिश बहुत कम हुई. इससे प्रदेश के बांधों में पानी बहुत कम है.

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क्या कहा महाराष्ट्र सरकार ने?

सहकारिता मंत्री के मुताबिक, सरकार पानी की उपलब्धता को देखते हुए किसानों के खेतों में पानी देने की योजना बना रही है. किसानों को इससे राहत मिलेगी क्योंकि उन्हें गन्ने के लिए पानी मिल सकेगा. अगर ऐसा होता है तो गन्ने की फसल अच्छी निकल जाएगी, वर्ना पैदावार घटने की पूरी आशंका जताई जा रही है.

एक आंकड़े के मुताबिक, 2022-23 में प्रदेश की 210 शुगर मिलों में 1053 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन हुआ जबकि उसके पहले वाले साल में यह उत्पादन 1373 लाख क्विंटल था. सहकारिता मंत्री के मुताबिक प्रदेश सरकार शुगर मिलों के साथ बराबर संपर्क में है गन्ना-चीनी की पूरी खबर ली जा रही है. सहकारिता मंत्री ने यह भी बताया कि चीनी और गन्ना संगठनों से मिलकर एक मसौदा तैयार किया जा रहा है जिसमें केंद्र सरकार से मिलकर चीनी की मिनिमम सेलिंग प्राइस बढ़ाने की मांग की जाएगी.

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क्यों गिरा चीनी का उत्पादन

ऐसी मांग इसलिए उठाई जा रही है ताकि महाराष्ट्र के किसान अधिक से अधिक गन्ने की खेती के लिए आगे बढ़ें जिससे की चीनी का उत्पादन बढ़ाया जा सके. गन्ना और चीनी उत्पादन में महाराष्ट्र का बड़ा नाम है, लेकिन कुछ वर्षों में इसमें गिरावट देखी जा रही है. इसके पीछे बारिश की कमी, मॉनसून में देरी, सिंचाई में कमी और बांधों में पानी का कम होना बताया जा रहा है. सिंचाई में आ रही परेशानियों को देखते हुए किसान गन्ने की खेती से मन उठा रहे हैं. यही वजह है कि महाराष्ट्र सरकार केंद्र से चीनी की एमएसपी बढ़ाने की मांग करने वाली है जिसका सीधा फायदा गन्ना किसानों को मिलेगा.

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