महाराष्ट्र सरकार ने मराठवाड़ा में अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की सहायता राशि मंजूर की है. इस निधि के जरिए मई से अगस्त के बीच हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी. प्रशासन का कहना है कि प्रभावित किसानों के खातों में सीधे यह राशि जमा की जाएगी. भारी बारिश और बाढ़ के चलते मराठवाड़ा के आठ जिलों- छत्रपति संभाजीनगर, जालना, लातूर, परभणी, नांदेड़, हिंगोली, बीड और धाराशिव बड़े पैमाने पर फसलें चौपट हुई थीं.
डिविजन कमिश्नर जितेंद्र पापलकर ने बताया कि करीब 80 प्रतिशत सर्वे का काम पूरा हो चुका है और बचा हुआ काम तेजी से किया जा रहा है. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि प्रभावित किसानों की सूची तुरंत ऑनलाइन अपलोड की जाए, ताकि भुगतान की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 20 सितम्बर के बाद हुई मूसलधार बारिश और बाढ़ ने मराठवाड़ा के कई हिस्सों में तबाही मचाई. अब तक केवल इस क्षेत्र में ही 86 लोगों की मौत दर्ज की गई है, जबकि फसलों के अलावा पशुधन, मकान और सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान हुआ है.
हालात को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. पापलकर ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता किसानों के साथ-साथ उन परिवारों तक सहायता पहुंचाना है, जिनके प्रियजनों की बारिश से मौत हुई है. मुआवजे में फसल हानि के साथ-साथ जानवरों और मकानों के नुकसान की भरपाई भी की जाएगी. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि बुनियादी ढांचे को हुआ नुकसान व्यापक है और उसकी भरपाई के लिए अलग आकलन चल रहा है.
मराठवाड़ा वैसे तो पहले से ही सूखा और जल संकट जैसी चुनौतियों से जूझता रहा है, लेकिन इस बार लगातार हुई बारिश ने किसानों को गहरे संकट में डाल दिया है. लाखों एकड़ की खरीफ फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. ऐसे में किसानों को तत्काल आर्थिक मदद पहुंचाना राज्य सरकार की बड़ी जिम्मेदारी बन गई है.
राज्य प्रशासन ने साफ किया है कि राहत प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज बनाने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि किसानों और प्रभावित परिवारों को समय पर मदद मिल सके. अगले तीन से चार दिनों तक और बारिश का पूर्वानुमान होने से राहत और बचाव दलों को चौकन्ना रहने को कहा गया है. (पीटीआई)