महाराष्ट्र के हिंगोली जिले से एक किसान की बेबसी भरी कहानी सामने आई है, जो इस मॉनसून सीजन में मौसम की बेरुखी और फसलों में कीट प्रकोप की दोहरी मार झेल रहा है. जिले के खुदनापुर गांव के किसान किशनराव चव्हाण जब तमाम कोशिशों के बाद भी अपनी सोयाबीन की फसल को बचा नहीं पाए तो मजबूरी में उन्होंने तीन एकड़ खेत में लगी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया.
हिंगोली जिला इस बार बारिश की भारी कमी से जूझ रहा है.
जून में मॉनसून की शुरुआत के साथ किसानों ने उम्मीद के साथ बुवाई की, लेकिन जुलाई खत्म होने को है और अब तक उनके क्षेत्र में पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. ऐसे में फसलों की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. किशनराव ने बताया कि पहले ही खराब बारिश ने फसल को कमजोर कर दिया था, ऊपर से मिलीपीड कीट ने पूरी सोयाबीन को बर्बाद कर दिया है.
उन्होंने कीट नियंत्रण के लिए कई प्रकार की दवाओं का इस्तेमाल किया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ. हालात इतने बिगड़ गए कि उन्हें फसल को खेत में ही नष्ट करना पड़ा. किशनराव ने बताया कि अब तक वे इस फसल पर करीब 20,000 रुपये खर्च कर चुके थे, लेकिन आगे की लागत लगाने पर भी कोई लाभ नजर नहीं आ रहा था.
किशनराव ने बताया कि उन्होंने फसल का बीमा भी करवाया था और नुकसान की सूचना बीमा और कृषि अधिकारियों को दी थी. किसान ने आरोप लगाया कि मदद मांगने के बाद भी अभी तक उन्हें कोई सहायता नहीं मिली है. उनका कहना है कि अगर समय रहते राहत नहीं मिली तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा.
वहीं, हिंगोली के सेनगाव तहसील इलाके के बनबरड़ा इलाके में साेमवार को मूसलाधार बारिश हुई, जिसके बाद गांव के पास से बहने वाले नाले में बाढ़ आ गई थी. बाढ़ का पानी पास के महादेव में मंदिर घुस गया था. मंदिर में मौजूद तीन लोग इस बाढ़ के बीच पानी में फंस गए थे.
इससे कुछ दिन पहले अकोला में भारी बारिश ने कहर बरपाया, जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे. बाढ़ के चलते जहां लोगों के घरों में पानी घुस गया था, वहीं खेतों में भी पानी घुस गया, जिससे किसानों को नुकसान होने की आशंका है. वहीं, बाढ़ के चलते एक बाइक सवार किशोर की जान भी चली गई.