Women Farmers Contribution In Wheat Procurement: मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं की खरीद 15 मार्च से 5 मई तक चली, जबकि बचे हुए कई किसानों से 9 तक खरीद की गई. मध्य प्रदेश इस साल अब तक सबसे ज्यादा गेहूं उपार्जन (खरीद) के मामले में दूसरा राज्य बन गया है. वहीं, प्रदेश में 9 लाख किसानों में से 1 लाख 23 हजार महिला किसानों ने 8 लाख 98 हजार मीट्रिक टन गेहूं सरकारी खरीद केंद्रों पर बेचा. गेहूं खरीद के लिए 3623 केंद्र खोले गए थे और इनमें से 293 केंद्र महिला स्व-सहायता समूहों ने चलाए. वहीं, महिला किसानों के खाते में 2 हजार 335 करोड़ रुपये बोनस सहित ट्रांसफर किए जा चुके हैं. राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने शनिवार को यह जानकारी दी.
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 में लगभग 9 लाख किसानों से 77 लाख 75 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है, जबकि पिछले सीजन में 48 38 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी. मंत्री ने बताया कि इस साल एमएसपी पर किसानों के बैंक खातों में भुगतान स्वरूप कुल 19 हजार 322 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं. मंत्री ने किसानों को गेहूं उपार्जन पर दिए गए बोनस के चलते हुई रिकॉर्ड खरीद के लिए इंदौर में हुई कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री डॉ. यादव का अभिनंदन किया और उन्हें लोकमाता की प्रतिमा भेंट की.
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मंत्री राजपूत ने कहा कि सीएम यादव की ओर से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल के अलावा 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस की घोषणा के चलते ही प्रदेश में गेहूं की रिकॉर्ड खरीद हुई है. यानी किसानों से गेहूं 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा गया, जो देश में सबसे ज्यादा है. रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 में गेहूं उपार्जन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए 15 लाख से ज्यादा किसानों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया. यह रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 20 जनवरी से 9 अप्रैल तक चली थी.
सरकार ने किसानों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा के लिए समिति स्तरीय 3 हजार 176 पंजीयन केन्द्रों के अलावा 9311 एमपी ऑनलाईन सेंटर, कॉमन सर्विस सेन्टर, लोक सेवा केन्द्रों, पंचायतों के केन्द्रों के पर यह सुविधा दी. साथ ही किसान खुद भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते थे. मंत्री ने बताया कि समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के खर्च को सीमित करने के लिए 2440 केन्द्र गोदाम स्तरीय बनाए गए. ऐसा करने से ट्रांसपोर्ट और हैंडलिंग खर्च की बचत हुई.