Soybean Procurement: भावांतर योजना के रजिस्‍ट्रेशन की तारीख आई सामने, किसानों को मिलेगा सोयाबीन का पूरा MSP

Soybean Procurement: भावांतर योजना के रजिस्‍ट्रेशन की तारीख आई सामने, किसानों को मिलेगा सोयाबीन का पूरा MSP

MP Bhavantar Yojana: मध्यप्रदेश सरकार ने सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना लागू की है. योजना के तहत 10 से 26 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन होंगे. किसानों को एमएसपी से कम दाम मिलने पर सरकार अंतर की राशि देगी.

Soybean farmers in MP to get benefit under Bhavantar YojanaSoybean farmers in MP to get benefit under Bhavantar Yojana
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 30, 2025,
  • Updated Sep 30, 2025, 2:43 PM IST

बीते कुछ दिन पहले मध्‍य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की थी कि प्रदेश में सोयाबीन फसल के लिए भावांतर योजना लागू की जाएगी, जिसके तहत किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सकेगा. सीएम मोहन यादव के बयान के अनुसार, किसान पहले की तरह ही मंडी में अपनी फसल बेचेंगे और उन्‍हें अगर उपज बेचने पर एमएसपी से कम दाम मिलता है तो सरकार भावांतर योजना के तहत घाटे की भरपाई की जाएगी. हालांकि, इसके लिए किसानों को रजिस्‍ट्रेशन कराना अनिवार्य है. उस समय सीएम ने कहा था कि जल्‍द ही इस प्रक्रिया के लिए रजि‍स्‍ट्रेशन शुरू होगी. वहीं, अब इसके रजिस्‍ट्रेशन की तारीख सामने आ गई है.

10 से 26 अक्‍टूबर तक होंगे रजिस्‍ट्रेशन

मध्‍य प्रदेश सरकार के जनसम्‍पर्क विभाग की ओर से जारी एक सोशल मीडिया पोस्‍ट में बताया गया है कि राज्‍यभर में 10 अक्‍टूबर से 26 अक्‍टूबर तक भावांतर योजना के रजिस्‍ट्रेशन चलेंगे. देश में इस साल केंद्र ने सोयाबीन के लिए 5328 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी तय किया है. पिछले साल एमएसपी ₹4,892 प्रति क्विंटल था. 

सीएम मोहन यादव ने सोयाबीन पर किसानों को एमएसपी के वादे पर कहा, "हम जो कहते हैं, वो करते हैं." भावान्तर योजना के माध्यम से सोयाबीन उत्पादक किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य और सम्मान देना हमारी प्राथमिकता है. अगर किसान को MSP से कम कीमत मिलती है तो अंतर की राशि सरकार द्वारा दी जाएगी.

सीएम ने कही ये बात

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई भावान्तर योजना अब सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए बड़ा सहारा बनेगी. यह पहल न केवल किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी, बल्कि उनकी मेहनत का उचित मूल्य भी सुनिश्चित करेगी.

सोयाबीन का रकबा हुआ कम

बता दें कि प‍िछले साल मध्‍य प्रदेश में सबसे ज्‍यादा सोयाबीन उत्‍पादन हुआ था, इसके बाद महराष्‍ट्र और राजस्‍थान में अच्‍छा उत्‍पादन हुआ था. बीते साल अच्‍छे उत्‍पादन के बाद से किसान उपज के सही दाम को लेकर परेशान हैं. कई महीनों तक किसानों को एमएसपी से लगातार 20-30 प्रतिशत कम दाम पर अपनी फसल बेचनी पड़ी.

वहीं, दाम न मिलने का असर अब सोयाबीन के रकबे में भी देखने को मिल रहा है, जिसमें देशभर में  9.10 प्रतिशत की गि‍रावट इस साल देखी जा रही है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से 26 सितंबर 2025 तक हुई खरीफ बुवाई के आंकड़ों के मुताबिक, 120.45 लाख हेक्‍टेयर में सोयाबीन की बुवाई हुई है, जो पिछले साल समान अवधि में 129.55 लाख हेक्‍टेयर में बुवाई हुई थी. 

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