देश में प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. कई राज्य प्राकृतिक खेती में अग्रणी भूमिका निभाते देखे जा रहे हैं. इनमें हिमाचल प्रदेश भी शामिल है, जहां किसान प्राकृतिक खेती से फसल उगाने में रुचि ले रहे हैं. इससे किसानों को काफी फायदा हो रहा है. इस बीच, हिमाचल प्रदेश में आज से प्राकृतिक खेती से उगाए गए गेहूं और हल्दी की खरीद शुरु हो गई है. सरकार ने प्राकृतिक गेहूं की खरीद के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम और प्राकृतिक हल्दी के लिए 90 रुपये प्रति किलोग्राम कीमत तय की है.
प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना (PK3Y) के राज्य परियोजना निदेशक हेमिस नेगी ने कहा कि प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं और कच्ची हल्दी की 15 मई से खरीद के लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं और विभिन्न जिलों में संग्रह केंद्र बनाए किए गए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम और कच्ची हल्दी के लिए 90 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उच्चतम न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है.
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 22 संग्रह केंद्रों के माध्यम से 1,001 किसानों से लगभग 213.43 मीट्रिक टन प्राकृतिक गेहूं खरीदा जाएगा, जबकि 10 संग्रह केंद्रों के माध्यम से 75 किसानों से 17.41 मीट्रिक टन कच्ची हल्दी खरीदी जाएगी. उन्होंने कहा कि एटीएमए (कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी) के अधिकारी खरीद प्रक्रिया को आसान बनाएंगे, जो किसानों को स्थायी कृषि के उद्देश्य से गैर-रासायनिक प्राकृतिक खेती तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किया जा रहा है.
एटीएमए परियोजना (हमीरपुर) के परियोजना निदेशक नितिन कुमार शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने प्राकृतिक खेती से उत्पादित गेहूं का खरीद मूल्य 60 रुपये प्रति किलोग्राम और माल ढुलाई सब्सिडी 2 रुपये प्रति किलोग्राम तय की है और एक किसान अधिकतम 20 क्विंटल गेहूं बेच सकता है. इसे हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा खरीदा जाएगा. हल्दी उत्पादकों को 90 रुपये प्रति किलोग्राम मिलेगा यानी पारंपरिक रूप से उगाई जाने वाली फसल की कीमत से लगभग दोगुना. खरीद 25 मई तक रोजाना सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक की जाएगी. (पीटीआई)