हिमाचल के सेब किसानों के लिए बड़ी खबर सामने आई है. राज्य सरकार ने फैसला किया है कि इस साल सेब पेटियों की संख्या की अनुमानित गणना के आंकड़े जारी नहीं किए जाएंगे. इससे बाजार पर बुरा असर पड़ता है और बागवानों को नुकसान झेलना पड़ता है. राज्य के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने गुरुवार को आगामी सेब सीजन की तैयारियों के लिए हितधारकों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही. बागवानी मंत्री नेगी ने कहा कि अगले साल से सेब पेटियों की संख्या की अनुमानित गणना वैज्ञानिक तरीके से की जाएगी.
राज्य सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, बैठक में कई मामलों पर चर्चा हुई और सेब सीजन के दौरान पेश आने वाली चुनौतियों और समस्याओं के समाधान पर विस्तार से मंथन किया गया. बैठक के दौरान दो सब कमेटी (उप समिति) बनाने का फैसला लिया गया है. पहली सब कमेटी एपीएमसी एक्ट-2005 को सख्ती से लागू करने का काम करेगी. वहीं दूसरी सब कमेटी एसआईटी गठन, उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने, नर्सरी के विकास और उच्चस्तरीय रिसर्च, विभिन्न हितधारकों की समस्याओं के समाधान को लेकर काम करेगी.
बयान में कहा गया है कि अब बड़े सीए स्टोर नहीं, बल्कि छोटे सीए (कंट्रोल्ड एटमॉस्फियर) स्टोर बनाए जाएंगे. इनमें ऑटोमैटिक ग्रेडिंग सॉर्टिंग मशीन लगाई जाएंगी, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा की जा सके. इससे विदेशों में हिमाचल प्रदेश के सेब की मांग बढ़ेगी. कहा गया कि छोटे आकार के सीए स्टोर बनने से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा और उनकी सेब की फसल को सीए स्टोर में भी रखा जा सकेगा. इस फैसले के बाद हर गांव में सीए स्टोर बनाए जा सकेंगे और बागवानों को पूरी सुविधा मिलेगी. इससे उन्हें फसल के अच्छे दाम भी मिलेंगे.
बागवानी मंत्री ने अधिकारियों को सख्ती से मार्केट यार्ड के बाहर सेब कारोबारियों के लाइसेंस का डिजिटल डिस्पले करने निर्देश दिए हैं. वहीं, इसका उलंघन करने वालों के चालान बनाने के लिए भी कहा है. साथ ही उन्होंने सेब का वजन यूनिवर्सल कार्टन में करने के लिए कहा है और 22 किलोग्राम से ज्यादा वजन पाए जाने पर माल जब्त कर चालानी कार्रवाई करने के लिए कहा है.
मंत्री ने यूरोप की तर्ज पर बागवानों को को-ऑपरेटिव सोसायटी के गठन के जरिए अपनी फसल आढ़तियों को बेचने का सुझाव भी दिया. बागवानी मंत्री नेगी ने कहा कि आगामी सेब सीजन के दौरान सभी विभाग मिलकर बेहतर समन्वय से काम करें. जिला प्रशासन, पुलिस, लोक निर्माण विभाग और सभी एपीएमसी के अध्यक्ष भी इसमें अपना अहम योगदान दें.
उन्होंने कहा कि सेब सीजन में यातायात सुचारू बनाए रखने के लिए एक बेहतर पुलिस मानक संचालन प्रक्रिया बनाई जाए, ताकि बागवानों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े. वहीं, बागवानी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सेब के आयात शुल्क पर चिंता जताई है और प्रदेश सरकार से इस मुद्दे को केंद्र के सामने उठाने की अपील की. उनका कहना था कि आयात शुल्क कम किए जाने से हिमाचल प्रदेश के बागवानों की आर्थिकी बुरी तरह प्रभावित होगी. इस पर बागवानी मंत्री ने प्रतिनिधियों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.
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