60 रुपये गेहूं और 90 रुपये किलो हल्‍दी खरीदेगी ये सरकार, किसानों को करना होगा ये काम

60 रुपये गेहूं और 90 रुपये किलो हल्‍दी खरीदेगी ये सरकार, किसानों को करना होगा ये काम

हिमाचल प्रदेश में प्राकृत‍िक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को उपज का तगड़ा दाम दिया जा रहा है. प्राकृत‍िक रूप से उगे गेहूं पर राज्‍य सरकार 60 रुपये प्रति किलो और कच्‍ची हल्‍दी पर 90 रुपये प्रति किलोग्राम का भाव दे रही है. इसके लिए किसानों को रजिस्‍ट्रेशन कराना अनिवार्य है. इसके लिए सरकार विशेष अभियान चला रही है.

Himachal Natural Produce Purchase Registration DriveHimachal Natural Produce Purchase Registration Drive
विकास शर्मा
  • Shimla,
  • May 16, 2025,
  • Updated May 16, 2025, 2:23 PM IST

हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खबर सामने आई है. राज्‍य के ऐसे किसान जो प्राकृतिक खेती के जरिए गेहूं और हल्‍दी की फसल उगाते है, उन्‍हें महंगे दाम पर फसल बेचने के लिए रजिस्‍ट्रेशन कराना होगा. इसके लिए राज्‍य सरकार ने 15 मई से 15 जून 2025 तक विशेष अभियान चला रही है, ताकि प्राकृतिक खेती को और प्रोत्‍साहन मिल सके. राज्‍य में कुछ जिलों में 15 मई से प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेंहू की खरीद शुरू कर दी गई है. सबसे पहले जिला हमीरपुर, बिलासपुर और सिरमौर जिला में खरीद केंद्रों से शुरुआत की गई है. जल्द ही बाकी जिलों में भी इसे शुरू किया जाएगा. 

सबसे ज्‍यादा मूल्‍य दे रहा हिमाचल प्रदेश

देशभर में हिमाचल पहला राज्य है, जहां गेंहू पर प्रति किलो 60 रुपय न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जा रहा है, इससे पहले यह 40 रुपये था. हाल ही में हिमाचल सरकार ने इसमें 20 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की थी. इसके साथ ही कच्ची हल्दी को भी 90 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जा रहा है. जिला कुल्लू, लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़ दें तो बाकी सभी 9 जिलों में सरकार किसानों से गेंहू की खरीद करने की तैयारी में है. इस बार गेंहू कि 213 मीट्रिक टन फसल का अनुमान लगाया जा रहा है.

22 केंद्रो पर होगी गेहूं की खरीद

प्राकृतिक खेती कौशल किसान योजना (PK3Y), कृषि विभाग के एडिश्नल प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ रविंद्र सिंह जसरोटिया ने बताया कि विभाग ने प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं की खरीद शुरू कर दी है. इसके लिए कुल 22 खरीद केंद्र बनाए गए हैं. सबसे पहले जिला हमीरपुर, जिला बिलासपुर और जिला सिरमौर के किसानों से गेहूं खरीदी जाएगी. इसके बाद पूरी तरह से नमी खत्म होने पर बाकी जिलों में भी गेंहू खरीदी जाएगी. 

213 मीट्रिक टन प्राकृतिक गेहूं उत्‍पादन की उम्‍मीद 

उन्होंने कहा कि इस बार 213 मीट्रिक टन प्राकृतिक गेहूं की फसल होने की उम्मीद की जा रही है. अभी तक प्राकृतिक खेती से फसल उगाने वाले 1001 रजिस्टर्ड किसानों का डेटा तैयार किया गया है. यही नहीं प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए अब किसान 2 किलोमीटर से ज्यादा दूरी से फसल खरीद केंद्र तक लाने वालों को 2 रुपए प्रति किलो अतिरिक्त दिए जाएंगे. राज्य के 9 जिलों में ये खरीद की जाएगी. इसके साथ ही कच्ची हल्दी की खरीद शुरू की गई है. इसके लिए भी 10 खरीद केंद्र बनाए गए हैं. उन्होंने कहा 60 रुपए प्रति किलो गेहूं और 90 रुपए कच्ची हल्दी खरीदी जाएगी. 

17-18 टन कच्ची हल्दी उत्‍पादन की उम्मीद

राज्य सरकार की तरफ से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ये अहम कदम उठाए जा रहे हैं. इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. इस बार 17 से 18 टन कच्ची हल्दी की पैदावार की उम्मीद है. जिला ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, चंबा, सोलन, सिरमौर, शिमला के कुछ इलाकों में हल्दी की पैदावार हो रही है. गेहूं खरीद के बाद इस चोकर युक्त आटे को सरकार 100 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बाज़ार में बेचेगी. कच्ची हल्दी की फसल उगाने वाले किसान खेमराज शर्मा ने बताया कि बीते कई सालों से प्राकृतिक खेती कर रहा हूं. कृषि विभाग ने कच्ची हल्दी को 90 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदने की बात की है, इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी. 

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