वर्तमान में देश में कई जगहों पर भारी बारिश, बाढ़ और बादल फटने के चलते फ्लैश फ्लड ने तबाही मचा रखी है. पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश ने नदियों का जलस्तर काफी बढ़ा दिया है और बाढ़ की स्थिति देखी जा रही है. कुछ ऐसा ही मंजर हरियाणा के सिरसा में देखने को मिल रहा है. पहाड़ी इलाकाें में बारिश के चलते सिरसा में घग्गर नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. खासकर रोरी और कुछ ग्रामीण इलाकों में पिछले कुछ घंटों में तीन हफ्ते तक पानी बढ़ गया है. जलस्तर बढ़ने से नेजाडेला गांव की लगभग 50 एकड़ और टूटी हुई कुटियाना माइनर नहर के पास करीब 20 एकड़ जमीन पानी में डूब गई है, जिससे फसलें चौपट हो गई हैं.
ग्रामीणों और सिंचाई विभाग की टीमें तटबंधों को मजबूत करने और आगे के नुकसान को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं. वहीं, रंगोई नाले में पानी का तेज बहाव आसपास के लोगों की परेशानी और बढ़ा रहा है.
‘दि ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, घग्गर नदी का जलस्तर पंजाब में भी बढ़ा हुआ है. सरदूलगढ़ पुल पर आज सुबह जलस्तर 19.5 फीट मापा गया, जो खतरे के निशान 20 फीट से सिर्फ आधा फीट नीचे है. नदी में लगभग 12,000 क्यूसेक पानी बह रहा है. जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर नदी किनारे के गांवों में अलर्ट जारी किया है.
बढ़े हुए जलस्तर को देखते हुए एसडीएम राजेंद्र कुमार ने रोरी, बड़ागुढ़ा और आसपास के क्षेत्रों में तटबंधों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और गांव के लोगों से बातचीत की. एसडीएम ने लोगों से बात करते हुए अपील की है कि अगर नदी के किनारों पर कोई रिसाव या दबाव दिखाई देता है तो वे तुरंत अफसरों को इसकी जानकारी दें.
साथ ही उन्होंने गांव के लोगों को आश्वस्त किया कि प्रशासन जलस्तर को लेकर कड़ी निगरानी बनाए हुए है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. दबाव कम करने के लिए ओट्टू हेडवर्क्स के चार गेट खोलकर अतिरिक्त पानी राजस्थान की ओर छोड़ा गया है.
अधिकारियों ने कहा है कि हालात न संभलने पर दो और गेट खोले जा सकते हैं. प्रशासन ने नजदीकी गांवों में घोषणाएं कर लोगों से विशेषकर रात के समय सतर्क रहने की अपील की है. साथ ही बाढ़ नियंत्रण कक्ष के नंबर 01666-248882 और 01666-248880 जारी किए गए हैं.
वहीं, बाढ़ को रोकने के उद्देश्य से एक कदम उठाते हुए हरियाणा की सिंचाई और जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने बुधवार को कहा कि राज्य नदियों से गाद निकालने के लिए एक नीति ला रहा है. चौधरी ने सदन को बताया कि हाल के वर्षों में लगातार भारी बारिश और गाद जमा होने के कारण, नदियों की वहन क्षमता बढ़ाने और बाढ़ की संभावना को कम करने के उद्देश्य से 2025 में एकमुश्त उपाय के रूप में नदियों से गाद निकालने का काम शुरू किया गया था.
हरियाणा विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी कांग्रेस के एक सदस्य द्वारा उठाए गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए चौधरी ने कहा, "अब, भविष्य के लिए भी, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि हम एक नीति के रूप में नदियों से गाद निकालने का काम करेंगे. यह एक बड़ा कदम है जो हमारा विभाग उठाने जा रहा है."