हरियाणा सरकार ने धान की फसल की खरीद के दौरान मंडियों से लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सख्त रुख अपनाया है. दरअसल, धान खरीद को लेकर सरकार को किसानों की तरफ से काफी शिकायतें मिली हैं कि मंडियों में एमएसपी पर खरीद न करने, नमी के नाम पर एमएसपी में कटौती की शिकायतें मिली हैं. किसान संगठनों की सीएम से शिकायत के बाद राज्य सरकार ने कुछ सख्ती भरे फैसले लिए हैं. अब हर मंडी में एक एचसीएस स्तर के अधिकारी की तैनाती की जाएगी, जो खरीद की हर गतिविधि पर निगरानी रखेगा. राज्य सरकार ने साफ किया है कि किसानों के हितों और सुविधाओं से किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा और खरीद प्रक्रिया में लापरवाही या गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
मुख्य सचिव ने सभी जिला उपायुक्तों को साफ निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक मंडी पर एचसीएस स्तर का एक अधिकारी तैनात किया जाए, जो खरीद की हर गतिविधि की निगरानी करेगा. इसके साथ ही, जिला उपायुक्तों को 27 सितम्बर से खुद मंडियों का दौरा कर वास्तविक स्थिति का आकलन करने और ग्राउंड रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.
किसानों के लिए खरीद प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए गेट पास, पोर्टल संचालन और उठान से जुड़ी व्यवस्थाओं पर विशेष निगरानी रखने के आदेश भी जारी किए गए हैं. सरकार ने स्पष्ट किया है कि मंडियों में किसी भी तरह की तकनीकी या प्रबंधन से जुड़ी अड़चन किसानों के लिए परेशानी का कारण नहीं बननी चाहिए.
मुख्य सचिव ने मंडी व्यवस्था से जुड़े शीर्ष अधिकारियों को भी मैदान में उतरने के निर्देश दिए हैं. मार्केटिंग बोर्ड के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर, खाद्य आपूर्ति निदेशक, हैफेड और कॉन्फैड के प्रबंध निदेशक और वेयरहाउसिंग निगम के प्रबंध निदेशक को खुद दो-दो मंडियों का दौरा करने और तैयारियों की समीक्षा करने को कहा गया है. इन दौरों के दौरान किसी भी कमी को तुरंत दूर करने और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं.
राज्य सरकार ने सभी विभागों को आपसी तालमेल के साथ काम करने और नियमित प्रगति रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं. मंडियों में किसानों की सुविधा के लिए आवश्यक संसाधन, जैसे पेयजल, शौचालय और स्टोरेज की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं.
राज्य सरकार ने दोहराया है कि किसानों का हित सर्वोपरि है और हर किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य समय पर मिलेगा. किसानों से भी अपील की गई है कि अगर उन्हें किसी प्रकार की समस्या आती है तो वे तुरंत स्थानीय मंडी अधिकारियों या जिला उपायुक्त से संपर्क करें.