देशभर में तरह-तरह के आम का उत्पादन होता है. हर क्षेत्र के हिसाब से आम की अलग-अलग किस्मों का उत्पादन किया जाता है. इसमें से कुछ खास आम होते हैं जो आमजन से लेकर खास तक को पसंद आते हैं. हम इसी कड़ी में बात कर रहे हैं भागलपुरी जर्दालु आम की. इस आम का देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी नाम है. यहां तक कि मेहमाननवाजी में भी इस आम को परोसा जाता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसका स्वाद बाकी आमों से बिल्कुल अलग होता है. यह ऐसा आम है जिसके इंतजार में लोग महीने-महीने गुजार देते हैं. बाजारों में जैसे ही इसकी आवक शुरू होती है, स्वाद के कद्रदान बढ़चढ़ कर खरीदारी करते हैं.
भारत का सुप्रसिद्ध जीआई टैग प्राप्त जर्दालु आम का उत्पादन अंगप्रदेश भागलपुर जिले और आसपास में सैकड़ों हेक्टेयर में दशकों से किया जा रहा है. हर वर्ष इसकी जमकर बिक्री होती है. यह आम सुगंधित, स्वादिष्ट और सुपाच्य होता है. साथ ही, डायबिटीज के मरीज भी इस आम को खा सकते हैं. अपनी खासियत के कारण ही वर्ष 2007 से जर्दालु आम बिहार सरकार की ओर से सौगात के रूप में महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और देश के कई गणमान्यों को भेजा जाता है.
जर्दालु आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष सुल्तानगंज निवासी किसान अशोक चौधरी के बगीचे से तैयार आम को बेहतर पैकेजिंग कर विक्रमशीला एक्सप्रेस से दिल्ली भेजा जाता है. वहां बिहार भवन से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक पहुंचाया जाता है. जर्दालु आम का रजिस्ट्रेशन एक्सपोर्ट कैटेगरी में भी हुआ है. पिछले वर्ष इंग्लैंड, बेल्जियम और बहरीन में इसे भेजा गया था. इस बार अन्य खाड़ी देशों और यूरोपीय देशों में भी एपीडा के माध्यम से भेजने की तैयारी की जा रही है.
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मुख्यमंत्री, राज्यपाल से लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तक की पहली पसंद जर्दालु आम का स्वाद विदेशों के लोग भी चखेंगे. इससे अपने बिहार की धमक विदेशों में भी बनी रहेगी. जर्दालु आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि पैदावार की बात करें तो इस वर्ष जमकर फलन हुआ है. जर्दालु आम के पेड़ों पर पत्ते से ज्यादा सिर्फ टिकोले नजर आ रहे हैं. मई के अंतिम सप्ताह में इसे तोड़ा जाता है. खासकर जो आम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक भेजे जाएंगे, उसका विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है.
जर्दालु आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष और मैंगो मैन कहे जाने वाले अशोक चौधरी की मदद से 2017 में जर्दालु आम को जीआई टैग मिला था. उन्होंने बताया कि इस वर्ष बेहतर फलन हुआ है. इस बार कई देशों में भी भेजा जाएगा. इस आम को लोग इसलिए भी पसंद करते हैं क्योंकि यह सुपाच्य होता है. ज्यादा से ज्यादा आम खाने के बाद भी कोई परेशानी नहीं होती है. डायबिटीज के मरीज भी इसे खा सकते हैं.
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जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने कहा कि जर्दालु आम की बेहतर मार्केटिंग हो, इसके लिए कृषि विभाग और मुख्यमंत्री पहले से निर्णय ले चुके हैं. जिलाधिकारी कहते हैं, पिछले दो साल से हम लोग प्रयासरत हैं. जर्दालु आम का एपीडा के माध्यम से रजिस्टर कराया था. पिछले वर्ष कुछ देशों में एक्सपोर्ट भी हुआ था. इस बार पैदावार अच्छी है और एक्सपोर्टर्स यहां के किसानों से संपर्क भी करने लगे हैं. इस बार कई देशों में आम का एक्सपोर्ट होगा. इससे आम की खेती करने वाले लोगों को बेहतर फायदा होने की उम्मीद है.