अगर इंसान में कुछ करने का जज्बा और जुनून हो तो दुनिया का कोई भी काम असंभव नहीं होता है. इसे सच कर दिखाया है जमुई के एक छोटे से गांव के रहने वाले शैलेश कुमार ने. शैलेश कुमार एक बेहद ही गरीब किसान परिवार से आते हैं. शैलेश ने चीन में आयोजित पारा एशियन गेम्स ऊंची कूद प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत कर न केवल अपने गांव का बल्कि बिहार के साथ-साथ देश का नाम भी रोशन किया है. शैलेश ने सोना जीत कर दुनिया के मानचित्र पर भारत का तिरंगा लहराया है. शैलेश की इस उपलब्धि से उसके माता पिता के साथ साथ गांव वाले भी काफी खुश हैं.
गोल्ड मेडलिस्ट शैलेश कुमार जमुई जिला के इस्लामनगर प्रखंड स्थित छोटे से गांव इस्लामनगर के रहने वाले हैं. इसी गांव के बेहद ही गरीब व किसान परिवार के एक दिव्यांग बेटे ने गरीबी से निकल अपने जज्बे और जुनून के बदौलत दुनिया में भारत का तिरंगा फहराया है. खेती और पशुपालन कर अपना परिवार का भरण-पोषण करने वाले शिवनंदन यादव के छोटे बेटे शैलेश कुमार ने चीन में आयोजित पारा एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीत कर चीन की धरती पर हिन्दुस्तान का परचम लहराया है. टी- 63 में ऊंची छलांग लगाकर शैलेश ने ना सिर्फ जमुई और बिहार का बल्कि देश का मान बढ़ाया है. बल्कि उसकी इस कामयाबी से उसके परिवार के साथ-साथ गांव इस्लामनगर और जमुई जिले में लोग खुशी से झूम रहे हैं. पेरिस की धरती पर जुलाई में आयोजित पैरा एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप में भी शैलेश ने रजत पदक अपने नाम किया था. तब अमेरिका के फ्रेच एजरा ने स्वर्ण पदक तथा पोलैंड के ममकजार्ज लउकस्ज ने कांस्य पदक हासिल किया था.
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शैलेश के सोना जीतने की खबर शैलेश की मां को गांव के ही एक रिश्तेदार ने दी उसके बाद शैलेश के मां खुशी से झूम उठी. घर में चुल्हा-चौका करने वाली शैलेश की मां प्रतिमा देवी अपने बेटे शैलेश से बात की. शैलेश के सोना जीतने की खबर गांव में फैलते ही उनके घऱ पर बधाई देने वालों का तांता लग गया. शैलेश के पिता शिवनंदन यादव अपने बेटे के इस कामयाबी पर काफी खुश हैं और कहते हैं उसे बचपन से ही खेल में रुची था लेकिन वो कब खेलता था उन्हें पता नहीं चलता था. जब शैलेश जिला स्तर पर खेल प्रतियोगिता में भाग लेने जमुई गया तब उन्हें पता चला कि वो खेल में अच्छा कर रहा है. उन्होंने कहा कि उसे बचपन में कांछा खेलने का बहुत शौक था. पिता शिवनंदन यादव बताते हैं कि शैलेश बचपन से बोलता था कि वो पूरे परिवार के साथ-साथ देश का नाम रोशन करेगा.
उन्होंने कहा कि शैलेश का पैर जन्म से ही खराब था बहुत कोशिश की लेकिन ठीक नहीं हो सका. उन्होंने कहा कि शैलेश के पैर में भले ही समस्या है लेकिन वो सही पैर वाले को भी मात देता है. साथ ही कहा कि शैलेश की कामयाबी सभी की कामयाबी है. वहीं शैलेश की कामयाबी पर उनकी मां प्रतिमा देवी और बहन नीभा भी काफी खुश है. मां तो बात करते-करते भावुक भी हो जाती है. मां कहती है बहुत ही दिक्कत से शैलेश के इस मुकाम तक पहुंचाया है.
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गांव के ही शैलेश को जानने वाले और पेशे से शिक्षक मृत्युंजय कुमार ने कहा कि शैलेश ने इस छोटे से गांव से निकल कर देश का नाम रौशन किया है इससे आजकल के युवाओं को सीख लेने की जरुरत है. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने भी शैलेश को जीत की बधाई दी है. उन्होंनने अपने एक्सद हैंडल पर पोस्ट कर लिखा कि एशियाई पारा खेलों में स्वर्ण पदक जीतने पर शैलेश कुमार को हार्दिक बधाई.