कांग्रेस के लिए नेशनल कॉन्‍फ्रेंस को कुर्बान करनी पड़ीं कई सीटें...गठबंधन पर उमर अब्‍दुल्‍ला का बड़ा बयान  

कांग्रेस के लिए नेशनल कॉन्‍फ्रेंस को कुर्बान करनी पड़ीं कई सीटें...गठबंधन पर उमर अब्‍दुल्‍ला का बड़ा बयान  

नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच पिछले हफ्ते चुनाव पूर्व गठबंधन का ऐलान हुआ. इसकी घोषणा खुद नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने की और कहा कि राज्य की सभी 90 सीट पर कांग्रेस के साथ गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया गया है. उमर की मानें तो कई सीटों पर, जैसे जम्मू, पुंछ और राजौरी के निचले इलाकों में, कांग्रेस और एनसी मिलकर विरोधी ताकतों से लड़ सकते हैं.

  • Aug 31, 2024,
  • Updated Aug 31, 2024, 5:50 PM IST

नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के डिप्‍टी और जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला ने कांग्रेस के साथ गठबंधन पर एक बड़ा बयान दिया है. उनके इस बयान के बाद कई लोग कयास लगा रहे हैं कि शायद उमर इस गठबंधन ने खुश नहीं हैं. उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन कोई आसान फैसला नहीं था.  पार्टी को कई ऐसी सीटों की कुर्बानी देनी पड़ी है जिन पर उसे लगता था कि जीत की संभावना थी. 

पिछले दिनों हुआ गठबंधन का ऐलान 

नेशनल कॉन्फ्रेंस मुख्यालय नवा-ए-सुबह में पार्टी के एक समारोह को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने यह बयान दिया. उन्‍होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों की बहाली के लिए संघर्ष एक सामूहिक लड़ाई है. उमर ने कहा, 'यह सिर्फ हमारी लड़ाई नहीं है बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर की लड़ाई है. अगर हमें अपने साथ हुई गलतियों को सुधारना है, तो इससे सिर्फ हमें ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक को फायदा होगा. हम जम्मू-कश्मीर के लिए मिलकर यह लड़ाई लड़ रहे हैं.'

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नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच पिछले हफ्ते चुनाव पूर्व गठबंधन का ऐलान हुआ. इसकी घोषणा खुद नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने की और कहा कि राज्य की सभी 90 सीट पर कांग्रेस के साथ गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया गया है.   

क्‍यों पड़ी गठबंधन की जरूरत 

उमर के शब्‍दों में, 'इसलिए हमने कांग्रेस से हाथ मिलाया. यह हमारे लिए आसान फैसला नहीं था. हमें उन सीटों की कुर्बानी देनी पड़ी है जहां हमें पता था कि सिर्फ एनसी ही कड़ी टक्कर दे सकती है.'  उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन जरूरी था. उमर की मानें तो कई सीटों पर, जैसे जम्मू, पुंछ और राजौरी के निचले इलाकों में, कांग्रेस और एनसी मिलकर उन ताकतों से लड़ सकते हैं. इसीलिए ही पार्टी ने कांग्रेस को नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के खाते से कुछ सीटें दीं.' 

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आजाद के फैसले पर बयान 

अब्‍दुल्‍ला ने कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद के ऐलान को इसी गठबंधन का प्रभाव बताया. डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के मुखिया आजाद चुनाव में अपनी पार्टी के लिए प्रचार नहीं करेंगे. अब्दुल्ला ने कहा, 'गठबंधन का पहला प्रभाव यह था कि आजाद प्रचार नहीं करेंगे और उन्होंने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों से यह तय करने को कहा है कि वे चुनाव लड़ेंगे या नहीं.' बुधवार को आजाद ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए डीपीएपी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने में असमर्थता जताई. आजाद ने एक बयान में कहा, 'अप्रत्याशित परिस्थितियों ने मुझे प्रचार अभियान से पीछे हटने के लिए मजबूर किया है. उम्मीदवारों को यह तय करना होगा कि क्या वो मेरी मौजूदगी के बिना आगे बढ़ सकते हैं या नहीं.' 

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