विधानसभा चुनावों की सरगर्मियों के बीच हरियाणा में खरीफ फसलों को खरीदने की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. चुनाव घोषित होने से पहले सीएम नायब सिंह सैनी ने सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदने के लिए किसानों से वादा किया था. अब उसे निभाने का वक्त आ गया है. लेकिन, अब सरकार उसे पूरा करते हुए नजर नहीं आ रही है. दरअसल, खरीफ सीजन की 14 फसलें होती हैं. लेकिन, सीजन 2024-25 में राज्य सरकार एमएसपी पर धान, बाजरा, मक्का, मूंग, मूंगफली, तिल, अरहर और उड़द की ही खरीद करने का एलान किया है. ये सिर्फ आठ फसलें ही हो रही हैं. कुछ लोग यह कह सकते हैं कि बाकी फसलें हरियाणा में नहीं होती होंगी, लेकिन ऐसा नहीं है.
राज्य में कपास की खेती होती है. यह भी खरीफ सीजन की फसल है, लेकिन उसे खरीदने की बात की नहीं की गई है. खरीद की तैयारियों को लेकर राज्य सरकार ने जो बयान जारी किया है उसमें कपास का जिक्र नहीं है. यहां एक अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. उस समय खरीद भी शुरू हो चुकी होगी. हालांकि, अब तक खरीद की तारीखों का एलान नहीं किया गया है.
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जिन किसानों को इन फसलों की उपज को एमएसपी पर बेचना है उन्हें मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्टर्ड होना चाहिए. रजिस्ट्रेशन के बिना सरकारी खरीद नहीं होगी. राज्य सरकार को 3.83 लाख मीट्रिक टन बाजरा और 60 लाख टन धान की खरीद करने का टारगेट मिला है. केंद्रीय पूल में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत 1.52 लाख मीट्रिक टन तथा राज्य सरकार के पूल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए 2.31 लाख मीट्रिक टन बाजरा खरीदा जाएगा.
खरीद के लिए मंडियों में तैयारियां शुरू हो गई हैं. किसानों की सुविधा के लिए हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, पंचकूला के कार्यालय में हेल्पलाइन (1800-180-2600) शुरू की गई है. जिस पर खरीद व्यवस्था की जानकारी के लिए फोन किया जा सकता है. जैसे अगर किसानों को यह पता करना है कि मक्का या उड़द की खरीद किस मंडी में होगी तो उसकी जानकारी यहां से मिल जाएगी.
राज्य की खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा मंडियों में खरीद व्यवस्था का जायजा ले चुकी हैं. साथ ही तैयारियों को लेकर हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, कृषि विभाग, भारतीय खाद्य निगम के प्रमुखों और राज्य के राईस मिलों के प्रधानों के साथ बैठक भी कर चुकी हैं.
बैठक के दौरान फसलों की खरीद से संबंधित व्यवस्थाओं जैसे लकड़ी की चौखटें, बोरियों, भंडारण क्षमता और खरीदी गई उपज के ट्रांसपोर्टेशन पर चर्चा की गई. ताकि राज्य में खरीफ खरीद सीजन 2024-25 के दौरान फसलों की खरीद प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न न हो. अनाज का समय पर उठान हो.
मिश्रा ने बताया कि किसानों द्वारा 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर उनकी फसलों के पंजीकरण के बाद उनकी फसलों की खरीद व भुगतान से संबंधित काम ऑनलाईन ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा. इसके अतिरिक्त खरीफ की फसलों की खरीद के लिए राज्य की मंडियों में बारदाना और भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था है.
खरीफ खरीद सीजन 2024-25 के दौरान धान की कॉमन वैरायटी के लिए किसानों को 2300 और ग्रेड-ए वैरायटी के लिए 2320 रुपये प्रति क्विंटल की एमएसपी मिलेगी. इसी तरह बाजरे के लिए 2625 रुपये प्रति क्विंटल की एमएसपी तय है.
खरीफ खरीद सीजन 2024-25 के दौरान धान खरीदने के लिए 241 और बाजरा के लिए 91 मंडियां तय की गई हैं. इसी तरह मक्का के लिए 19, मूंग के लिए 38, मूंगफली के लिए 7, तिल के लिए 27, अरहर के लिए 22 और उड़द की खरीद करने के लिए 10 मंडियां तय की गई हैं. डॉ. मिश्रा ने इनसे जुड़ी मंडियों को निर्देश दिए कि सभी मंडियों में मूलभूत सुविधाएं जैसे कि हेल्पडेस्क, पेयजल, शौचालय, सीसीटीवी कैमरे और इलेक्ट्रोनिक वेटब्रिज की व्यवस्था समय से पहले कर ली जाए.
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