भारत में कृषि की प्रधानता के साथ-साथ पशुपालन को भी बराबर का दर्जा दिया गया है. ग्रामीण इलाकों की बात करें तो यहां की अर्थव्यवस्था पशुपालन पर भी निर्भर है. छोटे और सीमांत किसान पशुपालन कर अपना जीवनयापन करते आ रहे हैं. पूराने समय से लेकर आजतक लोग अतिरिक्त आमदनी के लिए पशुपालन पर निर्भर हैं. पशुपालन को आमदनी का दूसरा जरिया माना है. इससे खेत के लिए खाद का इंतजाम हो जाता है. साथ ही, दूध बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी मिल जाती है.
पहले किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार गाय-भैंस पालते थे, लेकिन आज गाय-भैंस पालने को व्यवसाय की दृष्टि से देखा जाने लगा है. अच्छे व्यवसाय के लिए उन्नत और मजबूत नस्लों का चयन करना आवश्यक है, जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी हो और दूध का उत्पादन भी सही हो. ऐसे में आज हम बात करेंगे उन उच्च देशी गाय और भैंस के बारे में जो दूध उत्पादन में नंबर 1 पर हैं:
गिर गाय भारतीय नस्ल की वो गाय, जिसकी मांग सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी काफी ज्यादा है. इजराइल से लेकर ब्राजील जैसे देशों में भी गिर गाय काफी फेमस है, जिसका मूल गुजरात के गिर जंगलों से जुड़ा है. इसे सबसे ज्यादा दुधारु गाय का खिताब भी प्राप्त है, यह दिनभर में औसत 12 लीटर तक दूध दे सकती है. अगर गिर गाय को भी पाला जाए तो आप दूध और डेयरी से अच्छा पैसा कमा सकते हैं.
जब दूध उत्पादन की बात आती है तो गिर गाय के बाद मुर्राह भैंस का नंबर सबसे पहले आता है. हरियाणा के रोहतक, हिसार और जींद जिले और पंजाब के नाभा और पटियाला जिलों की यह भैंस दुनिया भर में प्रसिद्ध है. आप सुर्ख काले रंग की मुर्रा भैंस एक ब्यांत 1000 से 300 लीटर दूध ले सकते हैं. मुर्रा भैंस उत्तर भारत में खेतिहर किसानों की पहली पसंद है. इसके दूध में भी अधिक चिकनाई होती है, जिससे मीठे, दही, लस्सी और मोजरेला चीज जैसे विभिन्न उत्पाद बनाए जाते हैं.
यह भी गाय की एक देशी नस्ल है, जिससे इन दिनों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा के किसान खूब कमाई कर रहे हैं. एक साहीवाल गाय की अच्छी देखभाल करने पर एक ब्यांत में 2000 से 3000 लीटर दूध मिल सकता है. अधिक मात्रा में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले साही निश्चित रूप से गायों को पालते हैं. यह दुधारू गाय भारत के अलावा पाकिस्तान में भी पाई जाती है.
मेहसाणा भैंस को गुजरात और महाराष्ट्र के अधिकांश क्षेत्रों में पाला जाता है. यह दिखने में मुर्राह भैंस के समान होता है, लेकिन यह कद में मजबूत होता है. आप मेहसाणा भैंस से 1200 - 1500 लीटर प्रति बछड़े की दर से दूध उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. इसे गिर भैंस के नाम से भी जाना जाता है.