
पशुपालक गाय-भैंस का हो या फिर भेड़-बकरी का गर्मी के मौसम में सबकी परेशानी एक जैसी ही होती है. और वो है हरे चारे की. क्योंकि गाय-भैंस हरा चारा ज्यादा खाती हैं तो उनके पशुपालकों को ज्यादा बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है. लेकिन चारा एक्सपर्ट की मानें तो गर्मियों में होने वाली चारे की परेशानी को सर्दियों में दूर किया जा सकता है. ऐसा करने से दो काम होंगे. पहला तो ये कि गर्मियों के लिए हरे चारे की परेशानी दूर हो जाएगी. और दूसरा ये कि चारे की कमी के दौरान महंगा हरा चारा खरीदने से बच जाएंगे. क्योंकि सदियों के मौसम में दलहनी हरा चारा खूब मिलता है. और इतना ही नहीं रसदार दलहनी हरा चारा मिनरल मिक्चर की कमी को भी पूरा करता है.
इसलिए गर्मियों में सर्दियों का हरा चारा खिलाकर दोहरा फायदा उठाया जा सकता है. लेकिन हरा चारा खिलाने का भी एक तरीका है. एक्सपर्ट की सलाह के मुताबिक अगर पशुओं को हरे चारे के साथ सूखा चारा भी दिया तो पशुओं को इससे कोई परेशानी नहीं होगी. साथ ही दलहनी हरे चारे को आने वाले दिनों के लिए भी स्टोर करके रखा जा सकता है. लेकिन उसे स्टोर करने और खिलाने की एक समय सीमा तय है. उसी के मुताबिक उसे रखा और खिलाया जा सकता है.
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चारा एक्सपर्ट डॉ. मोहम्मद आरिफ का कहना है कि हरा चारा स्टोर करने और उसका साइलेज बनाने के लिए उसके पत्तों को पहले सुखा लें. लेकिन ख्याल रहे कि जिस चारे को हम साइलेज बनाने जा रहे हैं उसे पकने से कुछ दिन पहले ही काट लें. इसके बाद उसे धूप में सुखाने रख दें. लेकिन चारे को सुखाने के लिए कभी भी उसे जमीन पर डालकर न सुखाएं. चारा सुखाने के लिए जमीन से कुछ ऊंचाई पर जाली वगैरह रखकर उसके ऊपर चारे को डाल दें.
इसे लटका कर भी सुखाया जा सकता है. क्योंकि जमीन पर डालने से चारे पर मिट्टी लगने का खतरा रहेगा जो फंगस आदि की वजह बन सकती है. जब चारे में 15 से 18 फीसद के आसपास नमी रह जाए तो उसे सूखी जगह पर रख दें. इस बात का ख्याल रहे कि अगर चारे में नमी ज्यादा रह गई तो उसमे फंगस आदि लग जाएंगे और चारा खराब हो जाएगा. इतना ही नहीं इस खराब चारे को गलती से भी पशु ने खा लिया तो वो बीमार हो जाएगा. बकरी के लिहाज से साइलेज का एक बैग पांच से छह किलो को बनाएं और उसे खोलने के बाद आठ से 10 दिन में खत्म कर लें.
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