Goat Business बकरीद कुर्बानी का त्यौहार है. इस मौके पर बकरी नहीं बकरों की कुर्बानी दी जाती है. भेड़ और मेल भैंस की कुर्बानी भी होती है. लेकिन सबसे ज्यादा कुर्बानी बकरों की होती है. बकरों का हजारों करोड़ रुपये का कारोबार सिर्फ एक महीने में हो जाता है. आम दिनों के मुकाबले बकरीद पर बकरे ज्यादा मुनाफा देते हैं. बहुत सारे पशुपालक पूरे एक साल की कमाई सिर्फ बकरीद के मौके पर ही कर लेते हैं. लेकिन बकरीद पर बकरों से मोटी कमाई के लिए जरूरी है कि पूरे साल प्लानिंग के तहत बकरे पाले जाएं. गोट एक्सपर्ट का कहना है कि एक तरीका तो ये है कि हम बाजार से बकरों के चार से पांच महीने के बच्चे ले आएं और फिर उन्हें पूरे साल पालकर बकरीद पर बेच दें.
दूसरा ये कि हम बकरियां पालें और उनके दिए हुए बच्चों को पालकर ही बड़ा करें और फिर बकरीद पर बेच दें. दूसरा तरीका ही सबसे ज्यादा फायदेमंद है. क्योंकि पशुपालकों के लिए साल में एक बार ऐसा दिन आता है जब उनके बकरे आम दिनों के बाजार रेट से महंगे बिकते हैं. यह मौका होता है बकरीद का. इस दौरान बकरे मुंह मांगे दामों पर बिकते हैं. बकरा देखने में खूबसूरत और वजनदार हो तो 50 हजार रुपये का भी बिक जाता है. लेकिन यह मुनाफा और भी ज्यादा हो सकता है. अगर गोट एक्सपर्ट के बताए प्लान नंबर दो के मुताबिक बकरा पालन किया तो.
राजाखेड़ा, राजस्थान के बकरी पालक हाजी इकबाल की मानें तो आमतौर पर लोग 2 से 3 महीने का बकरे का बच्चा लाकर पालते हैं. इस बच्चे की कीमत 4.5 से 5 हजार रुपये तक होती है. इसके बाद नौ से 10 महीने इस बच्चे को पाला जाता है. पालने के दौरान एक बच्चे पर खुराक और दवाई आदि का खर्च लगाकर 7 से 8 हजार रुपये लागत आती है. क्योंकि बकरा बकरीद के लिए पाला जा रहा है तो उसे सिर्फ खुले मैदान की चराई पर ही नहीं रख सकते हैं. उसे जौ-चना जैसा दाना भी खिलाना होगा. इसलिए एक साल बाद बकरी का बच्चा 12 से 13 हजार रुपये में तैयार हो जाता है. लेकिन, जब हमे बकरीद के लिए बकरे पालकर कारोबार करना ही है तो बकरे की लागत को और कम किया जा सकता है.
जैसे अगर बकरी पालकर उससे बच्चे लिए जाएं तो एक साल के बकरे की लागत कम आएगी. बकरियों की कई नस्ल ऐसी हैं जो एक साल में दो बार तक बच्चे देती हैं. इस तरह बच्चों की संख्या चार से पांच हो जाती है. तीन महीने तक तो बच्चा बकरी का दूध पीता है. इस दौरान सिर्फ बकरी को ही चारा खिलाने का खर्च आएगा, लेकिन चारा खाने वाली उस बकरी पर दो से तीन बच्चे पल जाएंगे. इस तरह बाजार से दो बच्चों को खरीदने का खर्च नौ-10 हजार रुपये बच जाएंगे. और इसका एक सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि बच्चा तीन महीने तक लगातर बकरी का दूध पिएगा तो उससे उसकी ग्रोथ भी अच्छी होगी. एक साल में अच्छा खासा मोटा ताजी दिखाई देगा.
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