बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, हरियाणा और पंजाब सहित पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है. इससेइंसान के साथ-साथ पशु भी परेशान हो गए हैं. लेकिन गर्मी से सबसे ज्यादा आर्थिकनुकसान पशुपालकों को उठाना पड़ रहा है. क्योंकि भीषण गर्मी औऱ लू की वजह से पशुओं ने दूध देना कम कर दिया है. पर पशुपालकों को चिंता करने की बात नहीं है.
आज हम ऐसी घास के बारे में चर्चा करेंगे, जिसे चारे के रूप में गाय-भैंस को खिलाने के बाद गर्मी के मौसम में भी दूध उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यानी पहले की तरह हीआपकी गाय-भैंस दूध देती रहेंगी. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस चिलचिलाती गर्मी में आप अपने पशुओं को कौन सा चारा खिलाएं.
गर्मी के सीजन में पशुपालकों को अपने पशुओं के खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए. इस मौसम में पशुओं को हरा चारा खिलाना चाहिए, जिससे उनकी सेहत अच्छी बनी रहे. ऐसे में गर्मी के दिनों में पशुओं के लिए ज्वार का चारा सबसे बेहतर होता है. ज्वार का चारा खिलाने से पशुओं को काफी फायदा मिलता है. ज्वार का चारा पोषक तत्वों से भरपूर होता है. साथ ही स्वादिष्ट, पौष्टिक और उत्तम पशु चारा है.
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गर्मी के दिनों में पशुओं को ज्वार का चारा खिलाने से ये पशुओं के शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है. इसके अलावा इसमें फाइबर भी अच्छी मात्रा होता है ऐसे में इस चारे को खिलाने से दूध की बढ़ोत्तरी होती है. इसके साथ ही विशेषज्ञों के अनुसार पशुओं को ज्वार खिलाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि ज्वार सूखा हुआ नहीं होना चाहिए. हरे भरे ज्वार को ही भूसे के साथ पशुओं को खिलाना चाहिए.
पशु विशेषज्ञों की मानें तो अधिक गर्मी पड़ने पर पशुओं को ज्वार का चारा खिलाना चाहिए. पशुपालकों को इसे एक पौष्टिक आहार के रूप में जानवरों को खिलाना चाहिए, लेकिन खिलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. ज्वार का चारा सही मात्रा में खिलाया जाना चाहिए. वहीं खिलाते समय ज्वार 4 से 5 किलो ही इस्तेमाल करें. इसके साथ 10 किलो भूसा का इस्तेमाल कर सकते हैं. साथ ही ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में ज्वार न खिलाएं क्योंकि पशु बीमार भी पड़ सकते हैं. सही मात्रा में अगर ज्वार का सेवन जानवरों को कराया जाए तो इससे उनकी भूख भी काफी बढ़ती है.