Animal Care during Winter बदलता मौसम इंसान हो या पशु सभी को प्रभावित करता है. लेकिन ऐसे वक्त जरूरत होती है कि मौसम में होने वाले बदलाव से बचाव के लिए कुछ उपाय किए जाएं. क्योंकि जिस तरह से इंसान हर मौसम से बचने के लिए उपाय करता है तो ठीक वैसे ही पशुओं को भी बदलते मौसम के प्रभाव से बचाने की जरूरत होती है. क्योंकि अगर बदलते मौसम से पशुओं को सुराक्षित रखा तो न वो बीमार पड़ेंगे और न ही उनका उत्पादन घटेगा. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो किसी भी मौसम में पशुओं को हेल्दी रखने के लिए सबसे पहला जरूरी काम ये है कि हम उस मौसम के शुरू होने से पहले ही उसकी तैयारी कर लें.
मौसम बरसात का हो या गर्मी-सर्दी का, हर एक मौसम पशुओं के लिए बीमारी भी लाता है. पशुओं के खानपान, रखरखाव और टीकाकरण में जरा सी भी लापरवाही हुई तो फौरन ही बीमार पड़ जाते हैं. केन्द्र और राज्य सरकार भी किसानों को इस तरह के नुकसान से बचाने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती हैं.
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि कुछ लोग पशुओं का बीमा कराना और उनकी टैगिंग (रजिस्ट्रेशन) कराना पशुपालकों को बेकार, बेवजह का काम लगता है. लेकिन किसी भी मौसमी बीमारी के चलते पशु मरते हैं तो बीमा की रकम ही पशुपालक को राहत देती है. और बिना टैगिंग कराए बीमा की रकम मिलती नहीं है. अगर ऐसी ही कुछ योजनाओं का फायदा किसान भाई-बहिन उठा लें तो पशुपालन में आने वाले जोखिम को कम किया जा सकता है. गांव और कस्बों के पशु अस्पताल में भी ये सभी सुविधाएं आसानी से मिल जाती हैं.
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