Parasite Attack on Animal पशुओं में होने वालीं बीमारियों की बड़ी वजह और पशुओं को सबसे ज्यादा परेशान करने वाले मच्छर-मक्खी, जोंक, किलनी ही हैं. पशुओं की ज्यादातर बीमारियों बड़े वाहक ये ही हैं. डॉक्टरी भाषा में इन्हें वेक्टर भी कहा जाता है. ये खासतौर पर बरसात और बाढ़ का पानी उतरने के बाद सक्रिशय होते हैं. पशुओं से चिपककर उन्हें काटना और उनका खून चूसना इनका काम है. कुछ तो ऐसे भी होते हैं जो गाय-भैंस, भेड़-बकरी के खून में शामिल होकर उन्हें परेशान करते हैं. इन्हीं सब कीट की वजह से पशुओं को खुजली और कई तरह की गंभीर बीमारियां होती हैं. इनकी वजह से पशुओं का उत्पादन भी घट जाता है.
दवाओं का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल (ओवरयूज). एंटीपैरासिटिक दवाओं का ज्यादा इस्तेमाल और उस पर कंट्रोल ना होना परजीवियों में प्रतिरोधकता बढ़ने की एक बड़ी वजह है. सही तरह से दवाई ना लेना, पशुओं को सही तरीके से दवाई ना देना, डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाई का पूरा कोर्स ना करना भी एक वजह है. पर्यावरणीय और जैविक कारण भी हैं. परजीवियों की प्राकृतिक चयन प्रक्रिया और उनके जीन में होने वाले बदलाव भी प्रतिरोधकता का कारण बन रहे हैं.
मच्छर-मक्खी, जोंक, किलनी से पशुओं को होने वालीं बीमारियां हमेशा से ही पशुपालकों की बड़ी परेशानी रही हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक ये परेशानी अब और बड़ी हो गई है. अभी तक परजीवी रोगों का इलाज कुछ खास तरह की दवाई देकर हो जाता था. लेकिन अब परेशान करने वाली बात ये है कि बीते कुछ वक्त से दवाईयां भी पशुओं पर असर नहीं कर रही हैं. जिसकी बड़ी वजह है परजीवी विरोधी प्रतिरोध (एंटीपैरासिटिक रेसिस्टेंस) है.
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