Dairy Business: सालों से डेयरी खोलकर भी नहीं कमा पाए अच्छा पैसा, तत्काल कर लें ये तीन बदलाव

Dairy Business: सालों से डेयरी खोलकर भी नहीं कमा पाए अच्छा पैसा, तत्काल कर लें ये तीन बदलाव

किसी भी व्यापार में उतरने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह से रिसर्च कर लेना चाहिए. अगर आप डेयरी फार्मिंग कर रहे हैं और उससे अच्छा लाभ कमाना चाहते हैं तो बारीकियां सीखने की जरूरत है. आइए जान लेते हैं कि डेयरी फार्मिंग से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

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नयन त‍िवारी
  • Noida,
  • Nov 30, 2024,
  • Updated Nov 30, 2024, 9:01 AM IST

पिछले कुछ सालों से हमारे देश में डेयरी फार्मिंग करने वाले लोग खूब हो गए हैं. आर्थिक आय को मजबूत करने के लिए भी डेयरी को अच्छा कारोबार माना जाता है. वहीं कुछ ऐसे भी लोग मिले जिन्होंने बताया कि डेयरी फार्मिंग करके भी उनकी अच्छी कमाई नहीं हो पाई है. दरअसल किसी भी व्यापार को करने से पहले उसके बारे में अच्छी रिसर्च कर लेनी चाहिए. अगर आपको डेयरी फार्मिंग कर अच्छा पैसा कमाना है तो क्या करना है के साथ ये भी जानना चाहिए कि क्या नहीं करना चाहिए. अगर पिछले कई सालों से डेयरी खोलने के बावजूद भी अच्छी कमाई नहीं कर पाए हैं तो ये खबर आपके काम की है. 

डेयरी में करें ये बदलाव 

डेयरी से अच्छा पैसा कमाने के लिए उसके बारे में अच्छी जानकारी लेनी चाहिए. कुछ लोग शेड बनाते हैं. नया बच्चा देने वाली गाय-भैंस खरीदते हैं और दूध का व्यापार करने लगते हैं. कुछ समय तक पैसा भी कमा लेते हैं लेकिन एक वक्त के बाद लाभ मिलना बंद हो जाता है. अगर आप पहले से ही डेयरी फार्मिंग करते आए हैं तो फौरन डेयरी में तीन बदलाव करें. 

ब्रीड की पहचान करें

डेयरी खोलते हुए कोई भी पशु नहीं पालना चाहिए. गाय या भैंस पालने से पहले अच्छे दुधारू नस्ल के गाय भैंस के बारे में जानना चाहिए. डेयरी में हमेशा अच्छे और दुधारू पशु ही पालना चाहिए. भैंसों के लिए मुर्रा, जाफराबादी, मेहसाणा और सुरती नस्ल तो वहीं गायों के लिए गिर और साहिवाल नस्ल पालने की सलाह दी जाती है. इन नस्लों के अलावा जो भी पशु हैं उन्हें बदल दें. 

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खानपान में बदलाव करें

कुछ लोगों का मानना है कि पशुओं को जितना अधिक खिलाएंगे उतना ही अधिक दूध देंगी. बात भी कुछ हद तक सही है लेकिन खाना देने का तरीका जान लेते हैं. पशुओं को संतुलित आहार और सही समय पर ही भोजन दें तभी फायदा होगा. पशुओं को हरा चारा, सूखा चारा, सरसों या मूंगफली की खली दें. प्रति पशु 2-4 किलो अनाज देना भी जरूरी है. दलिया, चूनी या चोकर के रूप में अनाज दें. खाना देने का रोज का टाइम सेम होना चाहिए. 23 घंटे में तीन बार खाना दें. साफ और ताजा पानी भरपूर पिलाएं. 

संक्रमण और बीमारी से बचाएं

लंबे समय से डेयरी खोलकर पैसे ना कमाने वाले पशुओं के स्वास्थ्य की भी जानकारी लें. समय-समय पर पशु चिकित्सकों से जांच कराएं और जरूरी टीके लगवाते रहें. इन सब के साथ ही अगर आपका पशु बीमार है तो उसको अलग बांधने की भी व्यवस्था करें. इन सब के अलावा पशुओं की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए महीने में कम से कम 2 बार सरसों का तेल पिलाएं. 

इन बातों का भी रखें ध्यान

पशु खरीदते समय अच्छी नस्ल चुनें. खानपान के बारे में जानें और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं. इन सब के साथ पशुओं का रखरखाव भी बहुत जरूरी है. पशुओं को बांधने वाले बाड़े की साफ-सफाई बहुत जरूरी है. उसमें किसी भी तरह का गंदा पानी या गोबर नहीं जमा होना चाहिए. पशुओं को ठंड के दिनों में सर्द हवाओं से बचाने के लिए शेड की मरम्मत करना भी जरूरी है.

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