Dairy Cooperative: सहकारी समितियों को ब्रांड बनाने के लिए बन रहा रोडमैप, एक्सपोर्ट में मिलेगा फायदा 

Dairy Cooperative: सहकारी समितियों को ब्रांड बनाने के लिए बन रहा रोडमैप, एक्सपोर्ट में मिलेगा फायदा 

Roadmap for Dairy Cooperative जब पशुपालकों का उत्पादन ब्रांड से जुड़ेगा तो एक्सपोर्ट मार्केट में उसके सही दाम भी मिलेंगे और ब्रांड को पहचान भी मिलेगी. खासतौर से डेयरी सेक्टर के प्रोडक्ट ब्रांड के साथ जुड़ते ही पशुपालकों की इनकम बढ़ने लगेगी. क्योंकि दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए जरूरी है एक्सपोर्ट भी बढ़े.  

डेयरी पशुओं की उचित देखभाल का आसान तरीकाडेयरी पशुओं की उचित देखभाल का आसान तरीका
नासि‍र हुसैन
  • Delhi,
  • Nov 14, 2025,
  • Updated Nov 14, 2025, 11:42 AM IST

Roadmap for Dairy Cooperative खेती और पशुपालन से जुड़े किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए सहकारिता मंत्रालय एक रोडमैप पर काम कर रहा है. रोडमैप बनाने में पशुपालन मंत्रालय की भी मदद ली जा रही है. मकसद है कि किसानों और पशुपालकों को उनके प्रोडक्ट का पूरा दाम मिले और उनका मुनाफा बढ़े. यही वजह है कि रोडमैप के तहत किसान और पशुपालकों के प्रोडक्ट को ब्रांड बनाने की तैयारी चल रही है. सहकारिता से जुड़े एक्सपर्ट का कहना है कि जब तक उत्पादन को ब्रांड से नहीं जोड़ेंगे तब तक सहकारी समितियां मुनाफे में नहीं आएंगी. 

किसानों और पशुपालकों की इनकम बढ़ाने के लिए कई योजनाओं पर काम हो रहा है. केन्द्र सरकार इसके लिए सहकारी समितियों की भी मदद ले रही है. यही वजह है कि सिर्फ सहकारिता मंत्रालय ही नहीं कृत्रि और पशुपालन मंत्रालय भी सहकारी समितियों से जोड़ते हुए योजनाओं पर काम कर रहा है. खुद सहकारिता और गृह मंत्री अमित शाह किसानों और पशुपालकों की इनकम बढ़ाने के लिए सहकारी समितियों के उत्पादन को ब्रांड बनाने की बात कह रहे हैं. उनका कहना है कि जब तक उत्पादन को ब्रांड से नहीं जोड़ेंगे तब तक सहकारी समितियां मुनाफे में नहीं आएंगी. 

ऐसे मुनाफे वाली बनाई जाएंगी डेयरी सहकारी समिति 

जिन पंचायतों और गांवों में डेयरी उद्योग की क्षमता है वहां डेयरी सहकारी समितियों का गठन करने के लिए कुछ खास काम किए जाएं. भारतीय डेयरी सेक्टर से जुड़ी मल्टी-कमोडिटी और सहकारी समितियों की जरूरत पर जोर दिया जाए. सहकारी समितियों के उत्पादन के निर्यात के लिए एक ब्रांड होना चाहिए. जैविक उत्पाद को बढ़ावा देना चाहिए, सहकारी समितियों के बीच सहयोग से दुग्ध प्रोसेसिंग सुविधाओं का बेहतर उपयोग होना चाहिए, डेयरी मशीनरी के निर्माण में आत्मनिर्भरता लानी होगी. एनडीडीबी की सहायक कंपनी आईडीएमसी लिमिटेड के माध्यम से स्वदेशी डेयरी उपकरणों के निर्यात को बढ़ावा देना चाहिए. एनडीडीबी की सहायक कंपनियों को इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपना खास रोल अदा करना होगा. 

क्यों कहा जा रहा साइंटीफिक तरीके से हो पशुपालन 

एनडीडीबी के चेयरमैन मीनेश शाह का कहना है कि एनडीडीबी अपनी नीति “किसान सर्वप्रथम” को ध्यान में रखते हुए ही अपनी सभी योजनाओं में सहकारिता की रणनीति को शामिल करती है. किसानो द्वारा पशुपालन की वैज्ञानिक पद्धति को अपनाकर एनडीडीबी को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है. एनडीडीबी से जुड़ी दूसरी संस्थाओं ने भी डेयरी सहकारिताओं को मजबूत कर करोड़ो किसानों के लिए आय का रास्ता खोलते हुए एनडीडीबी के उद्देश्यों को आगे बढ़ाया है.

एक्सपर्ट की मानें तो रोडमैप में ये भी शामिल है कि पशुपालकों की इनकम बढ़ाने के लिए भारत को गुणवत्ता वाले दूध और दूध उत्पादों के निर्यात के माध्यम से "विश्व की डेयरी" बनाया जाए. सहकारिता मंत्रालय ने इसके लिए नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) से अपील करते हुए कहा है कि बोर्ड सहकारी डेरियों को और मजबूत करने पर काम करे.  

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