Animal Pregnancy Issue: ये दो काम किए तो बांझपन से बची रहेंगी गाय-भैंस, खूब होगा दूध उत्पादन 

Animal Pregnancy Issue: ये दो काम किए तो बांझपन से बची रहेंगी गाय-भैंस, खूब होगा दूध उत्पादन 

Animal Pregnancy Issue पशुओं का हीट में आना और उन्हें गाभि‍न कराने का सिस्टम भी पशुपालकों की इस बड़ी परेशानी से जुड़ा हुआ है. एक्सपर्ट का कहना है कि बहुत सारे पशुपालक आज भी गाय-भैंस की टीके बारे में पता करने के लिए पुराने तौर-तरीकों को ही अपनाते हैं. यही वजह है कि जिसके चलते पशु के हीट में आने पर भी इसकी जानकारी पशुपालकों को नहीं हो पाती है. 

नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Dec 16, 2025,
  • Updated Dec 16, 2025, 5:49 PM IST

Animal Pregnancy Issue मुख्य तौर पर दूध उत्पादन के लिए पाली जाने वालीं गाय-भैंस बच्चा होने के बाद ही दूध देती हैं. यही प्राकृतिक नियम भी है. लेकिन एनिमल की मानें तो पशुपालन में आज बांझपन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. कई साल बीतने के बाद भी बच्चा न होने जैसी परेशानी बनी रहती है. जबकि हम सब जानते हैं कि पशुपालन का पूरा अर्थशास्त्र यानि की मुनाफा गाय-भैंस के बच्चा देने पर ही टिका होता है. एक्सपर्ट का दावा है कि बांझपन की परेशानी पशुओं के रखरखाव और खानपान से जुड़ी हुई है. 

इसमे खानपान बड़ी वजह है. अगर पशुपालक गाय-भैंस पालन में दो खास बातों का ख्याल रखें तो पशु इस सबसे बड़ी परेशानी से दूर रहेंगे. क्योंकि तीन तरह के खानपान में से किसी एक में भी कमी है तो पशुओं में बांझपन की समस्या हो सकती है. दूसरा ये कि अगर पशुओं को बीमारी और बांझपन की समस्या से बचाना है तो फिर साइंटीफिक तरीके से पशुपालन करना होगा. 

खाने की ये 5 चीजें नहीं हैं तो हो सकता है बांझपन 

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि गाय-भैंस दूध दे रही हों या नहीं, लेकिन उन्हें तीन तरह के चारे की जरूरत होती है. सुबह से शाम तक पशुओं को हरा चारा, सूखा चारा और मिनरल्स खि‍लाने होते हैं. अगर दोनों चारे और मिनरल्स पशुओं को दिए जा रहे हैं तो इससे पशुओं की प्रजनन क्षमता भी बढ़ेगी और उनका दूध उत्पादन भी बढ़ेगा. लेकिन, अगर किसी एक जैसे मिनरल्स में कमी होती है तो पशुओं में पोषक तत्व कैल्शियम, जिंक, कोबाल्ट, आयरन और फासफोरस की कमी होने लगेगी. और ऐसा होते ही गाय हो या भैंस उसमे बांझपन की परेशानी बढ़ने लगेगी. दूसरा ये कि चारा उगाने के दौरान कैमिकल वाली खाद और पेस्टिसाइड का ज्यादा इस्तेमाल होने से भी उसका असर पशुओं पर पड़ रहा है. 

दोबारा गाभि‍न कराने में न करें देरी 

एनीमल एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि जब गाय या भैंस पहला बच्चा दे दे तो उसे दोबारा से गाभि‍न कराने में देरी न करें. बच्चा देने के बाद हीट में आते ही उसे प्राकृतिक या आर्टिफिशि‍यल इंसेमीनेशन (एआई) का तरीका अपनाकर गाभि‍न करा दें. अब तो कई साइंटीफिक तरीके अपनाकर पशु के हीट में आने के बारे में वक्त रहते पता लगाया जा सकता है. साथ ही घर बैठे पशुओं को एकआई से गाभि‍न करा सकते हैं.   

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