Breeder Bull: गाय-भैंस को गाभि‍न कराने ले जा रहे हैं तो इन 27 बातों का रखें खास ख्याल

Breeder Bull: गाय-भैंस को गाभि‍न कराने ले जा रहे हैं तो इन 27 बातों का रखें खास ख्याल

गाय-भैंसों को प्राकृतिक तरीके से या फिर आर्टिफिशल इंसेमीनेशन (AI) तकनीक से गाभि‍न कराने के लिए ब्रीडर सांड तैयार किए जा रहे हैं. इसके लिए ब्रीडर सांड के खानपान से लेकर देखभाल तक पर ध्यान दिया जा रहा है. नस्ल सुधार के लिए हर नस्ल के ब्रीडर सांड तैयार किए जा रहे हैं. ब्रीडर सांड कैसा हो इसके लिए गाइड लाइन भी तैयार की गई है.  

ज्यादा दूध देने वाली भैंसों की नस्लज्यादा दूध देने वाली भैंसों की नस्ल
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Sep 10, 2024,
  • Updated Sep 10, 2024, 4:55 PM IST

गाय-भैंस का हीट में आना और वक्त से पशुपालक को उसकी हो जाने को पशुपालन में बहुत अच्छा माना जाता है. कहा जाता है कि अब तो गाय-भैंस गाभि‍न हो जाएगी और बच्चा आने के साथ भैंस दूध भी देने लगेगी. लेकिन जितना अच्छा वक्त रहते भैंस का हीट में आना माना जाता है उतना ही ये भी जरूरी है कि भैंस ठीक तरह से गाभि‍न हो जाए. लेकिन उसके लिए जरूरी है कि जब आप अपनी भैंस को प्राकृतिक तरीके से गाभि‍न कराने के लिए ले जाएं तो गाभि‍न करने वाले सांड (बुल) और गाभि‍न कराने के तरीकों के बारे में अच्छी तरह से जान लें. 

ये सब बातें जान लेना इसलिए भी जरूरी है कि अगर बच्चा फीमेल हो तो दूध ज्यादा मिले और अगर मेल है तो वो अच्छा ब्रीडर बन सके. लेकिन ये तभी मुमकिन है जब हमे गाभि‍न करने वाले ब्रीडर के बारे में पूरी जानकारी हो. उसका फैमिली ट्री पढ़ लिया हो. साथ ही गाभि‍न कराने के दौरान साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखा हो. हालांकि देश में अब दूध उत्पादन बढ़ाने और गाय-भैंस की नस्ल सुधारने के लिए प्राकृतिक गर्भाधान (AI) तकनीक से भी पशुओं को गाभि‍न कराया जा रहा है. 

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पशुपालक ऐसे करें ब्रीडर सांड की देखभाल

  • सांड का बाड़ा आरामदायक और बड़ा हो.
  • बाड़ा ऐसा हो जो सांड को सर्दी-गर्मी से बचाए. 
  • प्राकृतिक गर्भाधान का स्थान बाड़े से दूर होना चाहिए.
  • बाड़ा ऐसी जगह हो जहां से सांड दूसरे पशुओ को देख सके.
  • प्राकृतिक गर्भाधान के लिये सांड की उम्र कम से कम ढाई साल हो. 
  • प्राकृतिक गर्भाधान के लिये सांड का वजन 350 किलोग्राम होना चाहिए.
  • सांड को प्रतिदिन कम से कम एक घंटा कसरत करानी चाहिए. 
  • सांड की हर रोज मालिश करने के बाद उसे नहलाना चाहिए. 
  • हर छह महीने के बाद सांड के खून की जांच करानी चाहिए. 
  • सांड में ब्रुसोलोसिस की जांच समय-समय पर कराते रहना चाहिए. 
  • डॉक्टर की सलाह पर ब्रीडर सांड में यौन रोग की जांच करानी चाहिए.
  • वैक्सीन चार्ट के मुताबिक सांड का टीकाकरण कराते रहना चाहिए. 
  • उम्र और वजन के हिसाब से ही सांड को डाइट देनी चाहिए. 
  • खूंखार सांड से किसान की सुरक्षा का इंतजाम बाड़े में जरूर करें. 

गाय-भैंस को गाभि‍न कराते वक्त ऐसे करें सांड संग व्यवहार 

  1. कम उम्र के सांड को ब्रीडिंग के लिए हफ्ते में दो-तीन बार ही इस्तेमाल करें. 
  2. भैंस पर सांड को केवल एक बार ही कुदाना चाहिए.
  3. सांड को भैंस पर दो-तीन बार कुदाने का कोई फायदा नहीं है.
  4. एक भैंस को गाभिन करने के बाद सांड को एक दिन का आराम देना चाहिए. 
  5. भैंस को गाभि‍न कराने से पहले उसकी योनि को पानी या कपड़े से साफ करें. 
  6. सांड को संगम कराने से पहले उसे मैथुन के लिए उत्तेजित करना जरूरी होता है. 
  7. सांड को उत्तेजित करने के लिए भैंस के ऊपर दो-तीन बार कुदाऐं और तुरंत हटा ले. 
  8. ऐसा करने के बाद बाद ही सांड और भैस का मिलन कराएं.
  9. अगर सांड सुस्त है तो भैस दिखाने के बाद उसे दूर ले जाए.
  10. आसपास ही थोड़ा घुमाने के बाद उसे भैंस पर कुदाएं.
  11. भैंस के पास सांड बांधने से भी दूसरे सांड को उत्तेजना मिलती है.
  12. भैस पर कुदाते समय सांड के साथ सख्त व्यवहार नहीं करें. 
  13. ब्रीडर सांड का भैंस से संगम कराने के दौरान उसके साथ मारपीट नहीं करें. 

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