VIP National Symposium: पोल्ट्री सेक्टर ने मांगा डॉक्टर्स और मीडिया का साथ, जानें क्या है वजह

VIP National Symposium: पोल्ट्री सेक्टर ने मांगा डॉक्टर्स और मीडिया का साथ, जानें क्या है वजह

पोल्ट्री एक्सपर्ट का दावा है कि अंडे-चिकन का कारोबार बिना किसी मदद के फल-फूल रहा है. लेकिन कुछ छोटी-छोटी वजहों के चलते पोल्ट्री सेक्टर को धक्का पहुंचाया जाता है. बीमारी फैलाने जैसे गंभीर आरोप लगाकर अंडे-चिकन की डिमांड पर असर डाला जाता है. 

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नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • May 09, 2025,
  • Updated May 09, 2025, 4:17 PM IST

पोल्ट्री सेक्टर इस वक्त की सबसे कमजोर कड़ी बन चुका है. पोल्ट्री तलवार की धार पर चलने जैसी है. बावजूद इसके पोल्ट्री ने बिना किसी मदद के अपने दम पर तरक्की की है. डेयरी के जैसी सरकारी मदद भी नहीं मिलती है. बावजूद इसके पोल्ट्री सेक्टर करीब तीन लाख करोड़ का हो चुका है. लेकिन कुछ बेवजह की खबरों के चलते पोल्ट्री को निशाना बनाया जाता है. अगर कहीं एक कौआ भी मरता है तो उंगली पोल्ट्री पर उठती है. अंडा-चिकन की डिमांड कम हो जाती है. 

देखते ही देखते तीन लाख करोड़ का पोल्ट्री सेक्टर नीचे आ जाता है. इसमे मीडिया का बड़ा रोल है. वहीं अगर हमारे डॉक्टर्स चाह लें तो पोल्ट्री सेक्टर दो गुना तरक्की कर सकता है. मीडिया और डॉक्टर्स दोनों ही की पोल्ट्री सेक्टर को बहुत जरूरत है. ये कहना है पोल्ट्री एक्सपर्ट का. हाल ही में वेट्स इन पोल्ट्री (वीआईपी) की ओर से चंडीगढ़ में आयोजित नेशनल सिम्पोजियम में पोल्ट्री एक्सपर्ट ने ये बात कही है.

मंत्री बोले, डॉक्टर्स मदद करें तो बढ़ेगी अंडे की डिमांड 

हरियाणा के कैबिनेट मंत्री हॉयर एजुकेशन, महीपाल ढांढा ने कहा कि आज बहुत सारे पढ़े-लिखे लोगों को भी पोल्ट्री यानि अंडे-चिकन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. इसलिए जिसके दिल में जो आता है वो बोल देता है. कोई कहना है अंडा नॉनवेज है. वजन बढ़ाने के लिए अंडे को इंजेक्शन लगाए जाते हैं. हालांकि ये पूरी तरह से गलत है. लेकिन जो जानकार नहीं हैं वो ऐसी बातों में फंस जाते हैं. लेकिन, अगर हमारे डॉक्टर्स चाहें तो अंडे-चिकन से जुड़ी गलत बातों को साफ कर सकते हैं. अपने मरीजों को शुद्ध और सस्ते प्रोटीन के लिए अंडे खाने की सलाह दे सकते हैं. 

पोल्ट्री में बड़ा रोल निभा सकती है मीडिया 

डॉ. पीके शुक्ला, पूर्व ज्वाइंट कमिश्नर, एनिमल हसबेंडरी और एचओडी, पोल्ट्री साइंस कॉलेज, दुवासू, मथुरा का कहना है कि बर्ड फ्लू के बारे में मीडिया में सही खबरें नहीं आती हैं. खबरें लिखते वक्त पोल्ट्री एक्सपर्ट से बात नहीं की जाती है. लेकिन अगर मीडिया चाहे तो वो पोल्ट्री को बढ़ाने में बड़ा रोल निभा सकती है. लोगों को जागरुक कर सकती है. अगर सोशल मीडिया पर अंडे-चिकन से जुड़ी कोई गलत जानकारी शेयर और पोस्ट की जा रही है तो मीडिया उसके बारे में सही जानकारी दे.

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