Poultry: मक्का MSP से 10 फीसद महंगी बिके तो मिले इंपोर्ट की अनुमति, जानें PFI ने क्यों उठाई मांग

Poultry: मक्का MSP से 10 फीसद महंगी बिके तो मिले इंपोर्ट की अनुमति, जानें PFI ने क्यों उठाई मांग

पोल्ट्री फार्मर ने पशुपालन और डेयरी सेक्रेटरी से मिलकर फीड संबंधी समस्याएं दूर करने के लिए कुछ मांग रखी हैं. उनका कहना है कि मक्का की कमी और महंगे होते फीड के चलते अंडे-चिकन के दाम बढ़ रहे हैं. इसलिए महंगाई को कंट्रोल करने के लिए जीएम मक्का इंपोर्ट करने की अनुमति दी जाए.

नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Jan 03, 2025,
  • Updated Jan 03, 2025, 11:09 AM IST

मक्का का विवाद बढ़ता ही जा रहा है. खासतौर पर पोल्ट्री सेक्टर में मक्का को लेकर हलचल लगातार बढ़ रही है. पोल्ट्री से जुड़े लगभग सभी कार्यक्रम में मक्का का मामला उठाया जा रहा है. हाल ही में पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया (PFI) समेत दूसरी एसोसिएशन के पदाधि‍कारियों का एक प्रतिनिधि‍ मंडल पशुपालन और डेयरी सेक्रेटरी से मिला. पोल्ट्री फीड में इस्तेमाल होने वाली मक्का और सोयामील पर चर्चा हुई. पोल्ट्री की मौजूद सबसे बड़ी परेशानी से अवगत कराया. वहीं इस परेशानी को दूर करने के लिए कुछ मांगें भी अधि‍ कारियों के सामने रखीं. 

इसमे सबसे प्रमुख मांग मक्की की कमी और उसके बढ़ते रेट को लेकर रखी गई. PFI ने मांग करते हुए कहा है कि जब बाजार में मक्का का रेट न्यूनत्तम समर्थन मूल्य (MSP) से 10 फीसद ज्यादा हो तो मक्का इंपोर्ट करने की अनुमति दी जाए. इसके साथ मक्का और सोयामील की क्वालिटी को लेकर भी कुछ मांग डेयरी सेक्रेटरी के सामने रखी गईं. 

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मक्का की वजह से महंगे हो रहे अंडा-चिकन 

PFI के प्रेसिडेंट रनपाल डाहंडा ने पशुपालन और डेयरी सेक्रेटरी अलका उपाध्याय समेत सभी अफसरों को अंडे और चिकन के बढ़ते रेट के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कैसे लगातार अंडे-चिकन की लागत बढ़ रही है. उनका कहना है कि पोल्ट्री फीड लगातार महंगा होता जा रहा है. जिसकी वजह से मजबूरी में अंडा-चिकन के दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं. अगर पोल्ट्री फार्मर को बचाना है और अंडे-चिकन की महंगाई को कम करना है तो जीएम मक्का इंपोर्ट करने की अनुमति मिलनी चाहिए. साथ ही अगर बाजार में मक्का का दाम एमएसपी से 10 फीसद ज्यादा होता है तो तुरंत ही मक्का इंपोर्ट करने की अनुमति मिले. 

मक्का DDGS और सोयामील की सुधरे क्वालिटी

रनपाल डाहंडा ने मांग करते हुए कहा कि मक्का DDGS के लिए बीआईएस मानक बनाए जाएं, क्योंकि इसमें एफ्लाटॉक्सिन की क्वालिटी संबंधी समस्याएं आ रही हैं. इसी तरह सोयामील में मिलावट का मुद्दा भी बड़ा है. जिसका सीधा असर पोल्ट्री प्रोडक्ट पर पड़ता है. इसलिए सोयामील के लिए भी सख्त बीआईएस मानक लागू किए जाने चाहिए. इस मौके पर ज्वाइंट सेक्रेटरी वषा जोशी, एनीमल हसबेंडरी कमिश्नर अभि‍जीत मित्रा, पीएफआई के वाइस प्रेसिडेंट संजीव गुप्ता, सेक्रेटरी रविन्द्र सांधू, ज्वाइंट सेक्रेटरी रिकी थापर समेत तमाम लोग मौजूद थे. 
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