Dairy Milk: गाय-भैंस से ज्यादा दूध चाहिए तो हर रोज खाने में दें इतना चारा और मिनरल्स 

Dairy Milk: गाय-भैंस से ज्यादा दूध चाहिए तो हर रोज खाने में दें इतना चारा और मिनरल्स 

एनिमल न्यूट्रिशन एक्सपर्ट का कहना है कि पशु के बच्चे से लेकर बड़े पशु और उत्पादन देने वाले पशु सबके लिए अलग-अलग खुराक होती है. यहां तक की सांड (बुल) के लिए भी खुराक तय है. अगर तय खुराक के मुताबिक पशुओं को चारा दिया जा रहा है तो वो उत्पादन भी ज्यादा देंगे और हेल्दी भी रहेंगे. 

गिनी घास की खेती (सांकेतिक तस्वीर)गिनी घास की खेती (सांकेतिक तस्वीर)
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Sep 24, 2024,
  • Updated Sep 24, 2024, 3:33 PM IST

गाय-भैंस पालने का मकसद ही यही होता है कि उनसे ज्यादा से ज्यादा दूध मिले और मुनाफा बढ़े. हर एक पशुपालक की कोशि‍श होती है कि उसकी हर एक गाय और भैंस ज्यादा और फैट से भरपूर दूध दे. लेकिन एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो कई बार पशु उतना दूध भी नहीं देते हैं जो वो कुछ दिन या कुछ महीने पहले दे रहे होते हैं. मतलब उनका दूध उत्पादन कम हो जाता है. हालांकि दूध उत्पादन कम होने के पीछे कई सारी वजह होती हैं. इसमे एक बड़ी वजह पशुओं का बीमार होना भी है. 

और ज्यादातर मामलों में ये बाहर से दिखाई भी देने लगता है कि बीमार होने के चलते गाय-भैंस दूध कम दे रही है. लेकिन, अगर पशु की खुराक में कहीं कोई कमी रह जाती है या महंगाई के चलते पशुपालक कुछ लापरवाही बरतते हैं तो उसके चलते भी दूध उत्पादन कम हो जाता है. इसीलिए एनिमल न्यूट्रिशन एक्सपर्ट ने दूध देने वाले पशुओं की खुराक उनकी अवस्था के हिसाब से तय की है. 

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जानें पशुओं की खुराक पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट

एनिमल न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉ. दिनेश भोंसले का कहना है कि गाय-भैंस हो या फिर भेड़-बकरी, सभी से ज्यादा और अच्छा दूध लेने के लिए जरूरी है कि उसका खानपान भी अच्छा हो, पशु की नस्ल अच्छी हो जिससे जब उसका बछड़ा हो तो उसकी ग्रोथ अच्छी हो और उत्पादन ज्यादा दे. लेकिन बड़े अफसोस की बात है कि हमारा पूरा ध्यान दूध उत्पादन पर ही रहता है, पशुओं के खानपान पर हम ध्यान नहीं देते हैं. जबकि सामान्या नियम भी ये है कि गाय-भैंस को कम से कम 10 किलो हरा चारा, पांच किलो सूखा चारा जरूर देना चाहिए. जब इतना खिलाएंगे तभी वो ठीक से दूध भी देगी. इतना ही नहीं अगर गाय-भैंस पांच किलो दूध देती है तो उसे कम से कम 2.5 किलो मिनरल मिक्चर भी खिलाना होगा. 

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नस्ल सुधार पर ध्यान दिया तो बढ़ेगा दूध  

डॉ. दिनेश का कहना है कि आज हमारे देश में पशुओं की नस्ल सुधार के लिए सेक्स सॉर्टेड सीमेन जैसी तकनीक है. इसकी मदद से हम पशु से हर बार बछिया ले सकते हैं. आज देशभर में सीमेन बैंक भी हैं.  आईवीएफ की मदद से उच्च गुणवत्ता वाले सीमेन का फायदा लेकर अच्छे बछड़े तैयार किए जा सकते हैं. हर राज्य और शहर में सरकारी-प्राइवेट सीमेन सेंटर हैं. सरकारी सेंटर पर तो बहुत ही कम रेट पर अच्छी क्वालिटी का सीमेन मिल जाता है. अब तो बुलावे पर घर-गांव में आकर भी पैरा वैट आर्टिफिशल इंसेमीनेशन तकनीक से पशु को गाभिन करने आते हैं.   
 

 

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