Egg Export: कतर ने भारतीय अंडे पर लगाई बड़ी शर्त, एक्सपोर्ट को लगेगा झटका...अब क्या करेंगे पोल्ट्री कारोबारी

Egg Export: कतर ने भारतीय अंडे पर लगाई बड़ी शर्त, एक्सपोर्ट को लगेगा झटका...अब क्या करेंगे पोल्ट्री कारोबारी

कतर के नए आदेश से भारतीय पोल्ट्री सेक्टर में हड़कंप मच गया है. कतर ने भारत से खरीदे जाने वाले अंडों के लिए वजन के मानक तय कर दिए हैं. कतर को बड़ा मात्रा में अंडा एक्सपोर्ट किया जाता है. खासतौर पर नमक्कल, तमिलनाडु से कतर को अंडा एक्सपोर्ट किया जाता है.

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नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Nov 11, 2024,
  • Updated Nov 11, 2024, 4:56 PM IST

अंडा न‍िर्यात के मोर्चे पर भारत के ल‍िए एक बुरी खबर है. भारतीय अंडों के बड़े एक बड़े आयातक कतर ने इसके कारोबार‍ियों पर एक शर्त लगा दी है. ज‍िससे कतर में भारत से होने वाले अंडे का न‍िर्यात प्रभाव‍ित होगा. कतर की इस शर्त ने भारतीय पोल्ट्री सेक्टर को बेचैन कर द‍िया है. दरअसल, कतर सरकार ने उसे अब डबल ए ग्रेड और ए ग्रेड अंडे ही चाह‍िए. डबल ए ग्रेड का अंडा 70 ग्राम से अध‍िक वजन का माना जाता है और ए ग्रेड का अंडा 60 से 69 ग्राम ग्राम का माना जाता है. अभी तक वजन को लेकर ऐसी शर्त नहीं थी. ऐसे में अब पोल्ट्री कारोबार‍ियों की च‍िंता बढ़ गई है. क्योंक‍ि अब उन्हें ग्रेड‍िंग करनी पड़ेगी. 

पोल्ट्री सेक्टर में सिर्फ अंडा ही है जो भारत से एक्सपोर्ट होता है. भारतीय अंडा खरीदने वालों में कतर भी शामिल है. कतर नमक्कल, तमिलनाडु से अंडों की खरीदारी करता है. हर महीने कतर को 10 कंटेनर अंडे जाते हैं. लेकिन कतर ने अब अंडों के वजन को लेकर नया पेच निकाल दिया है. कतर ने अब अंडा खरीदने के लिए नया ग्रेड तय किया है. अगर भारतीय अंडा उस ग्रेड पर खरा उतरा तब ही वो खरीदारी करेगा. 

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अब तक नहीं हो रही थी ग्रेड‍िंग 

कतर की इस शर्त से भारतीय पोल्ट्री सेक्टर खासतौर से तम‍िलनाडु के नमक्कल की अंडा मंडियों में खलबली मच गई है. यह भारत में अंडा की सबसे बड़ी मंडी है. कतर सरकार का कहना है कि उसे अंडा बेचना है तो डबल ए और ए ग्रेड का होना चाहिए. इससे कम ग्रेड के अंडे पर खरीदारी नहीं की जाएगी. जबकि पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो अभी तक कतर को भेजे जा रहे अंडों की कोई ग्रेडिंग नहीं हो रही थी. पेटियों में पैक कर ऐसे ही अंडे भेजे जा रहे थे.  

ऐग कमीशन ने क्या कहा? 

इंटरनेशनल ऐग कमीशन के प्रेसिडेंट और श्रीनिवास ग्रुप के एमडी सुरेश चित्तुरी ने किसान तक को बताया था कि हम बीते काफी समय से सरकार का ध्यान इस ओर दिला रहे थे कि भारत से एक्सपोर्ट होने वाले अंडों की क्वालिटी बहुत खराब है. यहां तक की गंदे अंडे तक सप्लाई कर दिए जा रहे थे. अंडों के साइज पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा था. आज जो कतर ने किया है वो कोई चौंकाने वाला नहीं है. इसकी आशंका तो पहले से थी. हालांकि महीने के 40 से 45 लाख अंडे की सप्लाई ज्यादा नहीं है. लेकिन सवाल ये है कि इंटरनेशनल लेवल पर भारतीय पोल्ट्री की साख पर बट्टा लग गया है.

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मुर्गी से तय करके नहीं ले सकते अंडा

पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष रिकी थापर ने बताया कि मुर्गी सामान्य तौर पर 70 और 60 ग्राम का अंडा नहीं देती है. ये पूरी तरह से नेचुरल है कि मुर्गी कब, कितने वजन का अंडा देगी. एक खास उम्र के बाद मुर्गी ज्यादा वजन के अंडा देना शुरू करती है. लेकिन पूरे साल में 280 से 310 अंडे तक देने वाली मुर्गी 60 और 70 ग्राम या उससे ऊपर के वजन के कितने अंडे देगी ये पहले से तय नहीं हो सकता है. इसके लिए तो यही हो सकता है कि अगर एक पोल्ट्री फार्म पर 50 हजार मुर्गियां रोजाना 48 हजार अंडे दे रही हैं तो उसमे से 60 और 70 ग्राम वजन के अंडों की ग्रेडिंग मशीन द्वारा करनी होगी.

 

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