Prevention of Lumpy Disease बरसात के साथ ही वैसे तो पशुओं में तमाम बीमारियां पनपने लगती हैं. लेकिन खासतौर पर लंपी जल्दी अपना असर दिखाती है. लंपी का खतरा इसलिए भी ज्यादा बड़ा है क्योंकि इसका अभी तक कोई इलाज नहीं है. हां, सिर्फ वैक्सीन का इस्तेमाल कर इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है. वहीं केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआईआरबी), हिसार के रिटायर्ड प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. सज्जन सिंह ने किसान तक को बताया कि वैक्सीन के अलावा अगर हम पशुओं के बाड़े में कुछ उपाय कर लें तो भी इस बीमारी को पशुओं में होने से रोका जा सकता है. खासतौर पर बिहार के बाद अब लंपी का असर पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी देखने को मिल रहा है.
क्या है खासतौर पर गायों में होने वाले लंपी बीमारी
- संक्रमण वाली लंपी बीमारी देशभर में पैर पसार चुकी है.
- खासतौर पर बरसात के दौरान लंपी गायों पर अटैक करती है.
- लंपी बीमारी दूसरे देशों से आई है, लेकिन अब देशभर में फैल चुकी है.
- शरीर से कमजोर गायों पर ये बीमारी जल्दी अटैक करती है.
- बरसात का मौसम गायों के लिए खतरों से भरा होता है.
- लंपी का वायरस मक्खियों से जल्दी फैलती है.
- वैक्सीन से कुछ हद तक लंपी पर काबू पाया गया है.
- वैक्सीन और बायो सिक्योरिटी से लंपी फैलने से रोकी जा सकती है.
छुट्टा गाय कैसे आती हैं लंपी की चपेट में
- सड़क पर घूमने वालीं गायों को खाने में पौष्टिक चारा नहीं मिल पाता है.
- कुछ गौशालाओं में भी गायों को पौष्टिरक खुराक नहीं मिल पाती है.
- इसके चलते गायों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है.
- लंपी बीमारी का ज्यादातर अटैक कमजोर गायों पर देखा गया.
- लंपी की वजह से मौत भी कमजोर गायों की ही हुई है.
- ऐसा भी नहीं है कि अच्छा चारा खाने वाली गायों की लंपी से मौत नहीं हुई है.
- लेकिन अच्छी खुराक खाकर लंपी से मरने वाली गायों की संख्या कम है.
- सड़क पर घूमने वाली गाय बहुत जल्दी मक्खी-मच्छर की चपेट में आ जाती हैं.
- गौशालाओं-डेयरी फार्म पर सफाई होने के चलते मच्छर-मक्खी जल्दी अटैक नहीं करते हैं.
बाड़े में पशुओं को लंपी से कैसे बचाएं
- क्लाइमेट चेंज को देखते हुए पशु बाड़े में बायो सिक्योरिटी बहुत जरूरी है.
- बायो सिक्योरिटी से लंपी समेत संक्रमण वाली हर एक बीमारी को रोका जा सकता है.
- पशुपालन के पुराने तौर-तरीके अपनाने से बीमारी जल्दी अटैक करती हैं.
- सरकारी आंकड़े बताते हैं कि इंसानों को 70 से 75 फीसद बीमारियां पशुओं से होती हैं.
- गाय-भैंस, भेड़-बकरी समेत कोई भी पशु हो उसे साइंटीफिक तरीके से पालना चाहिए.
- हमें पशुओं के फार्म पर बायो सिक्योरिटी का पालन करना और करवाना चाहिए.
- पशुपालकों को अपने पशु फार्म की बाड़बंदी करनी चाहिए.
- बांड़बंदी होगी तो सड़क पर घूमने वाला जानवर फार्म में नहीं घुसेगा.
- अपने फार्म के अंदर और बाहर दवा का छिड़काव जरूर कराएं.
- कुछ दवा फार्म पर रखें जिनका इस्तेमाल हाथ साफ करने के लिए हो.
- सेनेटाइज करने के बाद ही पशुओं को हाथ लगाएं.
- पशु को हाथ लगाने के बाद फिर से दवाई का इस्तेमाल कर हाथ साफ करें.
- बाहर से आने वाले व्यक्ति के शूज सेनेटाइज करवाएं.
- बाहरी व्यक्ति के हाथ और कपड़ों को भी सेनेटाइज करवाएं.
- मुमकिन हो तो पीपीई किट पहनाकर ही फार्म के अंदर ले जाएं.
निष्कर्ष-
लंपी ही नहीं संक्रमण से होने वाली और भी कई ऐसी बीमारियां हैं जिनकी रोकथाम के लिए अभी सिर्फ वैक्सीन का ही इस्तेमाल हो रहा है. उनका कोई इलाज नहीं है. इसलिए जरूरी है कि एनिमल शेड में वैकसीन के साथ-साथ बायो सिक्योरिटी जरूर अपनाएं. और साफ-सफाई का भी खास ख्याल रखें.
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