ज्यादा से ज्यादा युवा पशुपालन में आएं. 10-20 भेड़-बकरी पालने वाले 100 और 500 भेड़-बकरी पालें. पशुपालन के साथ मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट लगाएं. चारे की डिमांड को देखते साइलेज बनाने का काम भी करें. केन्द्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर इसे साकार करने की कोशिश में लगी हुई है. इसके लिए केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission) योजना भी शुरू की है. योजना के तहत पशुपालक लोन ले सकते हैं. अगर पशुपालक दस्तावेजों की जरूरत को पूरा करते हैं तो उन्हें लोन में छूट भी मिलेगी. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि NLM का फायदा हर तरह के पशुपालन और पोल्ट्री फार्मिंग में उठाया जा सकता है.
केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय इस योजना को चला रहा है. एनएलएम के तहत योजना की कुल लागत पर 50 फीसद सरकार देती है और बाकी का 50 फीसद आवेदक को खुद लगाना होता है. एक्सपर्ट के मुताबिक डेयरी, पोल्ट्री और पशुपालन तेजी से बढ़ने वाले सेक्टर हैं. अब लोग दूध-अंडे और चिकन-मटन के कारोबार में खूब आ रहे हैं. ऐसे ही लोगों की मदद करने के लिए भारत सरकार 10 साल से एनएलएम योजना चला रही है.
कोई भी निम्नलिखित इच्छुक आवेदक एनएलएम पोर्टल www.nlm.udyamimitra.in के माध्यम से आवेदन कर सकता है.
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