Animal Diet: गाय-भैंस दूसरे पशु के शरीर को चाटने लगें तो समझ जाएं गंभीर बीमारी की चपेट में हैं

Animal Diet: गाय-भैंस दूसरे पशु के शरीर को चाटने लगें तो समझ जाएं गंभीर बीमारी की चपेट में हैं

एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक मार्च से लेकर जून तक पशुपालकों को बहुत अलर्ट रहने की जरूरत होती है. इस वक्त खासतौर पर पशुओं को खाने में उनकी जरूरत के मुताबिक मिनरल्स जरूर दें. क्योंकि ये वो वक्त होता है जब पशुओं के पाइका बीमारी की चपेट में आने की संभावना ज्यादा रहती है. क्योंकि इसी मौसम में हरे चारे की कमी भी होने लगती है. 

Advanced breeds of cow and buffaloAdvanced breeds of cow and buffalo
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • May 12, 2025,
  • Updated May 12, 2025, 5:29 PM IST

ऐसा अक्सर तो देखने को नहीं मिलता है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि गाय-भैंस दूसरे पशुओं के शरीर को चाटना शुरू कर देते हैं. अगर खुले मैदान में मुर्दा जानवर और उनकी हड्डी दिख जाए तो उसी को चाटना शुरू कर देते हैं. इतना ही नहीं इससे भी आगे जाकर पशु कागज-कपड़ा, मिट्टी और अपने ही गोबर तक को खाने लगते हैं. ऐसा नहीं है कि भूख के चलते गाय-भैंस ऐसा करती हैं. असल में ये एक बीमारी है. इस बीमारी को एलोट्रओफेजिया यानि पाइका के नाम से जाना जाता है. 

पशुपालक आमतौर पर इसे पाइका के नाम से ही जानते हैं. हालांकि इस बीमारी का संबंध पशु की खुराक से ही जुड़ा है. क्योंकि जब पशुओं को उनकी रोजाना की खुराक में जरूरत के मुताबिक दिया जाने वाला मिनरल नहीं मिलता है तो ऐसे पशु पाइका की चपेट में आ जाते हैं. खास बात ये है कि पाइका बीमारी सिर्फ गाय-भैंस ही नहीं भेड़-बकरी, घोड़े और कुत्तों में भी होती है. 

पशुओं में ऐसे होती है पाइका बीमारी 

एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो जब पशु में मिनरल की कमी जैसे, पोस्फोरस, कोबाल्ट, नमक समेत दूसरे खनिजों की कमी होने लगती है तो पाइका के लक्षण दिखाई देने लगते हैं. इसके साथ ही कुछ और ऐसे कारण हैं जिसके चलते पशु पाइका की चपेट में आते हैं. जैसे, 

पशु को बाड़े में कम जगह में रखना.
पशु के पेट में कीड़े या वर्म हो जाना.
पशु को पेट और पित्ताशय संबंधित बीमारी होना.

पांच तरह की होती है पाइका बीमारी

कोप्रोफेजिया: इसमे पशु खुद या अन्य पशु का मल और गोबर खाने लग जाता है.
इनफेंटोफेजिया: इसमें मादा पशु खुद के छोटे नवजात बच्चों को खाने लगती है.
ऑस्टियोफेजिया: इसमे पशु मरे हुए जानवरों की हड्डियों को चाटने और चबाने लगता है. 
साल्ट हंगर: इसमे पशु खुद की या दूसरे पशु की चमड़ी चाटने लगता है.

पाइका बीमारी होने के ये हैं लक्षण

पशु खाना-पीना कम कर देता है.
पशु अपनी मूल खुराक न खाकर दूसरी बेकार चीजे खाने लगता है.
पशु उत्पादन कम हो जाता है और उसका शरीर में दुबला होने लगता है.
पशु की चमड़ी उसके शरीर से चिपक जाती है.
पशुओं को कई बार आफरा भी होने लगता है.

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