चमत्कारी चारा अजोला: बकरियों को कैसे खिलाएं कि बढ़ जाए दूध, 5 जरूरी टिप्स

चमत्कारी चारा अजोला: बकरियों को कैसे खिलाएं कि बढ़ जाए दूध, 5 जरूरी टिप्स

बकरियों को अगर सही ढंग से अजोला नहीं खिलाएं तो वे इसे नहीं खातीं. इसकी वजह है अजोला से आने वाली महक. दरअसल, अजोला पैदा करने के लिए पानी में गोबर का इस्तेमाल होता है. इसलिए जब अजोला को चारे के लिए काटा जाता है और उसे खिलाया जाता है तो बकरियां दूर भागती हैं क्योंकि उसमें गोबर की महक आती है.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 09, 2025,
  • Updated May 09, 2025, 7:07 PM IST

अजोला को चमत्कारी चारा कहा जाता है. अजोला देखने में साधारण घास जैसा होता है, मगर इसके फायदे अचंभित करने वाले हैं. खास बात ये कि इसे किसी भी मवेशी को खिला सकते हैं. और भी महत्वपूर्ण बात ये कि इसे उगाना बहुत ही आसान है. इसे उगाने के लिए आपको खेत की जरूरत नहीं बल्कि कोई छोटा गड्ढा भी ले सकते हैं. यह पानी में फैलने वाला ऐसा चारा है जो प्रोटीन से भरपूर होता है. यही वजह है कि इसे पशुओं को खिलाने पर दूध की मात्रा बढ़ जाती है. इन पशुओं में बकरी भी है जिसे अजोला खिलाने पर अधिक दूध देती है. तो आइए जानते हैं कि बकरी को अजोला कैसे खिलाएं कि उसके दूध देने की क्षमता बढ़ जाए और दूध उत्पादन में भी वृद्धि हो.

1-दूर करें गोबर की महक

ऐसा देखा जाता है कि बकरियों को अगर सही ढंग से अजोला नहीं खिलाएं तो वे इसे नहीं खातीं. इसकी वजह है अजोला से आने वाली महक. दरअसल, अजोला पैदा करने के लिए पानी में गोबर का इस्तेमाल होता है. इसलिए जब अजोला को चारे के लिए काटा जाता है और उसे खिलाया जाता है तो बकरियां दूर भागती हैं क्योंकि उसमें गोबर की महक आती है. यही वजह है कि बकरी अन्य पशुओं की तरह अजोला को उतनी आसानी से नहीं खाती.

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2-अजोला धोकर खिलाएं

ऐसे में अगर आप बकरी को अजोला खिलाना चाहते हैं तो उसे गड्ढे से निकालने के बाद 5-6 बार बढ़िया से धो लेना चाहिए ताकि उसमें से गोबर की महक खत्म हो जाए. अजोला को धोने के बाद उसे 15-20 मिनट तक छलनी में रखना चाहिए ताकि उसका पानी छन जाए और वह सूख जाए. इसके बाद उसे दाने में मिलाकर खिलाना चाहिए.

3-सूखा कर खिलाएं अजोला 

ICAR के मुताबिक, बकरियों को अजोला सुखाकर, ताजा या खली बनाकर खिलाया जा सकता है. सूखा अजोला बकरियां बड़े चाव से खाती हैं. इसलिए सूखा अजोला कभी भी खिलाया जा सकता है. बकरियां ताजा अजोला शुरू के दिनों में कम खाती हैं, लेकिन बाद में अच्छी तरह से खाने लगती हैं. एक बकरी के लिए 500 ग्राम ताजा अजोला प्रतिदिन खिलाया जा सकता है.

4-सस्ते में उगाएं चारा

बकरी पालकों के लिए एक सुविधा ये भी है कि वे सस्ते में अपने घर के सामने या पीछे अजोला उगा सकते हैं. आईसीएआर की एक रिसर्च में पता चला है कि एक किलो अजोला उगाने में 2 से 2.50 रुपये का खर्च आता है. यानी एक किलो चारे का खर्च महज 2 से 2.5 रुपये तक होगा. अगर अजोला उगाने वाला गड्ढा ईंट और सीमेंट से बनाया जाए तो यह खर्च और भी कम हो सकता है क्योंकि सिलपोलीन (प्लास्टिक शीट में अजोला उगाना) 3 से 4 साल ही चलता है. 

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5-सभी पोषक तत्व मौजूद

अजोला एक ऐसा आहार है, जिसमें सभी पोषक तत्व उपलब्ध हैं. इससे बकरियों के लिए जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति आसानी से हो जाती है. यह प्रोटीन, आवश्यक अमीनो अम्ल, विटामिन 'ए' और 'बी', बीटा कैरोटिन और खनिज जैसे-कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, लोहा, तांबा, मैग्नीशियम आदि से भरपूर है. अजोला में पाए जाने वाला प्रमुख तत्व प्रोटीन है, जो पशुओं का मुख्य आहार है. इसके अलावा अजोला कैल्शियम का अच्छा स्रोत है जो दुग्ध उत्पादन के लिए जरूरी है.

 

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