लगातार बढ़ती गर्मी की वजह से तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया है. चिलचिलाती धूप और गर्म हवाओं से इंसानों के साथ-साथ पशु भी परेशान हैं. गर्मी और लू की वजह से पशुओं में कई तरह की परेशानियां देखने को मिल रही हैं. गर्मी के इस मौसम का सबसे ज्यादा असर दुधारू पशुओं पर पड़ा है. अत्यधिक गर्मी के कारण गाय-भैंस कम दूध दे रही हैं. जिससे पशुपालकों को भारी नुकसान हो रहा है. लेकिन अब आप होम्योपैथिक दवा की मदद से पशुओं में दूध में कमी की समस्या को ठीक कर सकते हैं. यह होम्योपैथिक दवा है इसलिए इसका कोई साइड इफैक्ट नहीं होता है.
गर्मी के मौसम में पशुओं के अंदर कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं. शरीर का पीएच लेवल भी ऊपर-नीचे होता रहता है. जिस वजह से पशु इस मौसम में तनाव की स्थिति में चले जाते हैं. जिसके कारण वह अधिक झाग उगलते हैं और इसके कारण उसके शरीर में मौजूद क्षार बाहर निकल जाता है. इससे उनके शरीर में केवल एसिड ही रह जाता है. और इसके बाद जानवर खाना बंद कर देते हैं और इससे दूध उत्पादन में भी कमी आती है.
ये भी पढ़ें: Dairy Milk: डेयरी मैनेजमेंट में कमी के चलते पशुओं को होता है थनेला रोग, जानें कैसे
दुधारों पशुओं के लिए मिल्कोजेन-100 टैबलेट एक बहुत लाभकारी और प्रभावी होम्योपैथिक दवा है जो गाय, भैंस, बकरी आदि मादा जानवरों में प्राकृतिक रूप से दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद करती है. मिल्कोजेन गर्भवती पशुओं में भी प्रभावी है और इसके उपयोग के लिए टीकाकरण की आवश्यकता नहीं होती है. मिल्कोजेन पशु के दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों बढ़ाता है और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है.
इन विशेष होम्योपैथिक पशु चिकित्सा उत्पादों का निर्माण प्रसिद्ध होम्योपैथिक पशु चिकित्सा कंपनी गोयल वेट फार्मा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया है. यह कंपनी आईएसओ प्रमाणित है, और इसके उत्पाद WHO-GMP प्रमाणित कारखाने में निर्मित होते हैं. सभी फ़ॉर्मूलों की पशुचिकित्सकों द्वारा जांच और परीक्षण किया जाता है और पालतू जानवरों के मालिकों द्वारा 40 से अधिक वर्षों से इसका उपयोग किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: गाय को लू लगने पर कौन-कौन से लक्षण दिखाई देते हैं? लू लगने पर क्या करें और कैसे बचाएं?
(डिस्क्लेमर- यह सलाह एक रिपोर्ट के आधार पर है. किसान तक इसकी पुष्टि नहीं करता है. डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें.)