9 राज्यों में FMD फ्री जोन बनाने को देश-विदेश के 69 एक्सपर्ट संग हुई चर्चा, जानें क्या होगा फायदा

9 राज्यों में FMD फ्री जोन बनाने को देश-विदेश के 69 एक्सपर्ट संग हुई चर्चा, जानें क्या होगा फायदा

खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) पशुओं की जानलेवा बीमारी है. इसके चलते पशुओं की मौत तो होती ही है, साथ में उनका उत्पादन भी कम हो जाता है. इसके चलते पशुपालकों को नुकसान उठाना पड़ता है. वहीं इस बीमारी के चलते डेयरी प्रोडक्ट और मीट का एक्सपोर्ट भी नहीं बढ़ पाता है. 

पशुपालकों के लिए जरूरी खबर. (सांकेतिक फोटो)पशुपालकों के लिए जरूरी खबर. (सांकेतिक फोटो)
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Sep 01, 2024,
  • Updated Sep 01, 2024, 10:39 AM IST

खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) फ्री जोन बनाने की कवायद तेज हो गई है. हाल ही एनिमल डिजीज विषय से जुड़ा एक कार्यक्रम दिल्ली में हुआ था. देश-विदेश के करीब 69 एनिमल एक्सपर्ट ने इसमे हिस्सा लिया था. इसी दौरान एक बार फिर देश के नौ राज्यों में बनने वाले एफएमडी फ्री जोन बनाने पर भी चर्चा हुई. विदेशों से आए एक्सपर्ट की भी इसमे राय ली गई. इस मौके पर पशुओं की चार खास बीमारियों पर हुए काम को लेकर भारत की चर्चा भी हुई. इस मौके पर आईसीएआर के संस्थान, एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी, राज्य पशुपालन विभाग, NIAH, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, एनसीडीसी, विश्व स्वास्थ्य संगठन, JPIGO, ब्रूक्स इंडिया, USAID और FAO, ईसीटीएडी टीम जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के एक्सपर्ट मौजूद थे. 

सभी एक्सपर्ट ने एफएमडी फ्री जोन बनाने के संबंध में कोआर्डिेनेशन, सर्विलांस, निरीक्षण और रोकथाम, मेडिकल और सामाजिक-आर्थिक योजना के मुताबिक काम करने को लेकर टिप्स दिए गए. केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी विभाग की सेक्रेटरी का कहना है कि जोन बनाने से पशुपालकों की इनकम बढ़ेगी और डेयरी प्रोडक्ट एक्सपोर्ट भी बढ़ेगा. 

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एनिमल हैल्थ में आत्मनिर्भर बन रहा भारत- डेयरी सेक्रेटरी

दिल्ली में हुए इस कार्यक्रम के दौरान डेयरी सेक्रेटरी अलका उपाध्याय ने बताया कि पशु स्वास्थ्य में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ रही है. इस दौरान उन्होंने खासतौर पर पशुओं की चार गंभीर बीमारियों से निपटने में विभाग की प्रमुख उपलब्धियों के बारे में भी बताया. खुरपका और मुंहपका रोग (एफएमडी), पेस्ट डेस पेटिट्स रूमिनेंट्स (पीपीआर), ब्रुसेलोसिस और क्लासिकल स्वाइन फीवर को लेकर चले टीकाकरण कार्यक्रम की जानकारी दी. उन्होंने नौ राज्यों में एफएमडी फ्री जोन बनाने से जुड़ी योजनाओं की रूपरेखा भी बताई.

इसके लिए एडवांस टीकाकरण की कोशि‍श चल रही हैं. इसी के चलते भारतीय पशु उत्पादों के लिए बढ़ते हुए निर्यात अवसरों का रास्ता तय होने की उम्मीद है. और इसी से देश की वैश्विक बाजार में उपस्थिति बढ़ेगी. उन्होंने पशु स्वास्थ्य में सुधार के मकसद से प्राथमिकता वाली बीमारी सूची को अंतिम रूप देने में क्रॉस-सेक्टरल एक्सपर्ट की सराहना की. कार्यक्रम के अंत में बताया गया कि इस तरह की चर्चा का मकसद देश के भविष्य की पीढ़ियों के लिए जानवरों, मनुष्यों और पर्यावरण के स्वास्थ्य को सुरक्षित करना है.

9 राज्यों को एफएमडी फ्री जोन बनाने की हो रही कोशिश  

हाल ही में दिल्ली में पशुओं के टीकाकरण को लेकर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री राजीव रंजन समेत मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल और विभाग की सचिव अलका उपाध्याय, वर्षा जोशी, ओपी चौधरी, एनिमल हसबेंडरी कमिश्नर अभि‍जीत मित्रा भी मौजूद थे. इसी कार्यक्रम में मौजूदा हालातों को देखते हुए ये तय किया गया था कि सीरो-सर्विलांस के आधार पर कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात को एफएमडी फ्री जोन बनाने का आकलन किया गया है. इसी के चलते एनिमल प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट बढ़ाने में मदद मिलेगी. 

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खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) पशुओं की जानलेवा बीमारी है. इसके चलते पशुओं की मौत तो होती ही है, साथ में उनका उत्पादन भी कम हो जाता है. इसके चलते पशुपालकों को नुकसान उठाना पड़ता है. वहीं इस बीमारी के चलते डेयरी प्रोडक्ट और मीट का एक्सपोर्ट भी नहीं बढ़ पाता है. 

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