"बीघा नहीं, कट्ठा में है जमीन तो कोई बात नहीं, मछली पालन से करें एक लाख तक की कमाई!"

"बीघा नहीं, कट्ठा में है जमीन तो कोई बात नहीं, मछली पालन से करें एक लाख तक की कमाई!"

बिहार के छोटे और सीमांत किसान जिनके पास बहुत कम जमीन होती है, वे मछली पालन के माध्यम से शानदार कमाई कर सकते हैं. मछली पालन एक ऐसा तरीका है, जिससे किसान कम जमीन में भी सालभर में एक लाख तक की कमाई कर सकते हैं. खासकर अगर उनके पास 7-8 कट्ठा जमीन हो.

fish farming in Biharfish farming in Bihar
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • Mar 05, 2025,
  • Updated Mar 05, 2025, 11:48 AM IST

बिहार एक ऐसा राज्य है, जहां सीमांत और छोटे किसानों की एक बड़ी आबादी लगभग 80 प्रतिशत से अधिक है. इन किसानों की जीविका का सबसे बड़ा साधन खेती है. हालांकि, हाल के वर्षों में मछली पालन भी किसानों की आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन चुका है. लेकिन कई ऐसे किसान हैं जिनके पास कट्ठा में जमीन होती है, जिसके कारण वे मछली पालन नहीं कर पाते. लेकिन आज हम आपको 'किसान तक' पर एक ऐसी खबर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें 7 से 8 कट्ठा जमीन वाले किसान भी मछली पालन के जरिए एक साल में 1 लाख तक की कमाई कर सकते हैं.

आईसीएआर पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के मत्स्य वैज्ञानिक डॉ. विवेकानंद भारती कहते हैं कि बिहार आज मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर बन चुका है. हालांकि, यह देखा जाता है कि कई किसानों के पास खुद की एक बीघा से भी कम जमीन होती है, जिसके कारण वे मछली पालन या बागवानी के बारे में नहीं सोच पाते. लेकिन यदि किसान मत्स्य से जुड़े वैज्ञानिकों से सलाह लें, तो वे मछली पालन के साथ-साथ बागवानी और सब्जी की खेती भी आसानी से कर सकते हैं.

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8 कट्ठा जमीन में भी मछली पालन

मत्स्य वैज्ञानिक डॉ. भारती कहते हैं कि यदि किसान के पास करीब 8 कट्ठा जमीन है, तो वह 6 कट्ठा जमीन में तालाब की खुदाई कर सकते हैं और शेष 2 कट्ठा में एक मजबूत बांध का निर्माण कर सकते हैं. तालाब की खुदाई के दौरान यह ध्यान रखना चाहिए कि उसकी लंबाई 40 मीटर, चौड़ाई 25 मीटर और गहराई 2 से 3 मीटर के बीच हो. तालाब की चौड़ाई कम रखने का लाभ यह है कि इससे जाल चलाने में आसानी होती है.

मछलियों का चयन

डॉ. भारती के अनुसार, यदि किसान 40×25 मीटर के अनुपात में तालाब की खुदाई करते हैं, तो वे इसमें 1000 देसी मछलियों का पालन कर सकते हैं. इसमें देसी मछलियों का 4:3:3 अनुपात में पालन किया जा सकता है, जिसमें 400 कतला, 300 रोहू और 300 मृगल मछलियां होंगी. प्रत्येक मछली के लिए लगभग एक मीटर स्क्वायर जमीन की आवश्यकता होती है, जो इतनी जमीन के लिए सही है. यदि किसान सही तरीके से मछली पालन करें, तो एक सीजन में लगभग 400 किलो तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. इन मछलियों का बाजार मूल्य 150 से 200 रुपये प्रति किलो तक होता है. इसके अतिरिक्त, किसान तालाब के किनारे पेड़ लगाकर भी अतिरिक्त कमाई  सकते हैं.

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इस समय लगाएं पेड़

डॉ. विवेकानंद भारती कहते हैं कि तालाब निर्माण के साथ ही पेड़ नहीं लगाना चाहिए. बल्कि, मछली उत्पादन का एक सीजन पूरा होने के बाद, तालाब के किनारे दो-दो मीटर की दूरी पर पेड़ लगाए जाने चाहिए. इस दौरान यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पेड़ लगाने के समय बांध का निर्माण मजबूत हो.

 

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