हरियाणा में क्लोन गाय गंगा को पैदा हुए डेढ़ साल से ज्यादा का समय हो गया है और ये भारत की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है. अब यह गाय दूध देने वाली है. गंगा गिर नस्ल की है. गंगा का जन्म 16 मार्च 2023 को करनाल के राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में हुआ था. भारत की गंगा पहली ऐसी गाय है जो क्लोन के जरिए पैदा हुई है. गंगा को क्लोन के जरिए पैदा करने का मकसद दूध की प्रोडक्टिविटी को बढ़ाना है. गिर नस्ल में ये प्रयोग इसलिए किया गया क्योंकि गिर भारत की एक प्रतिष्ठित गाय की नस्लों में से एक है.
अब बताते हैं कि गंगा गाय पैदा कैसे हुई थी. दरअसल, इस गाय को पैदा करने के लिए साहीवाल नस्ल की गाय के अंडाणु लिए गए. वहीं, जिस नस्ल की गाय पैदा करने थी, उस नस्ल यानी कि गिर नस्ल की गाय की दैहिक कोशिकाएं (शरीर की कोशिकाएं) ली गई. साहीवाल गाय के अंडाणु के साथ गिर नस्ल की गाय की कोशिकाओं का मिश्रण किया गया. उसके बाद लैब में 7 दिन तक ग्रो किया गया.
इस ग्रोथ के बाद भ्रूण बन गया. उसके बाद उस भ्रूण को दूसरी गाय में डाला गया और 9 महीने के बाद गिर नस्ल की गाय पैदा हुई, जिसका नाम रखा गया गंगा. गंगा अभी दो गायों के साथ रहती है. एक उसकी सरोगेट मां है जिससे उसका जन्म हुआ है और एक गंगा की मां है जिससे दैहिक कोशिकाएं ली गई थीं.
आपको बता दें कि अगले साल से गंगा दूध देने लगेगी. गंगा का काफी ध्यान रखा जाता है. उसके खान पान से लेकर उसके रखरखाव का. वहीं, गंगा से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी मुलाकात की थी, तब उन्होंने उसे काफी प्यार किया था. साथ ही कौन बनेगा करोड़पति में भी गंगा से जुड़ा प्रश्न आया था. NDRI विभाग आगे भी और प्रयोग पर काम कर रहा है, जिससे दूध की प्रोडक्टिविटी बढ़ाई जा सके.